scriptAyurvedic Diet: आयुर्वेद के अनुसार पित्त दाेष के लाेगाें नहीं खानी चाहिए ये चीजें | Ayurvedic Diet: Eating According your dosha is good for health | Patrika News

Ayurvedic Diet: आयुर्वेद के अनुसार पित्त दाेष के लाेगाें नहीं खानी चाहिए ये चीजें

locationजयपुरPublished: Feb 08, 2020 01:19:05 pm

Ayurvedic Diet: भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्मांड पांच तत्वों से बना है। और वो पांच तत्व हैं वायु, जल, आकाश, अग्नि और पृथ्वी। ये ही तत्व तीन दोष वात, पित्त कफ या शरीर के प्रकार बनाते हैं…

Ayurvedic Diet: Eating According your dosha is good for health

Ayurvedic Diet: आयुर्वेद के अनुसार पित्त दाेष के लाेगाें नहीं खानी चाहिए ये चीजें

Ayurvedic Diet In Hindi: भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्मांड पांच तत्वों से बना है। और वो पांच तत्व हैं वायु, जल, आकाश, अग्नि और पृथ्वी। ये ही तत्व तीन दोष वात, पित्त कफ या शरीर के प्रकार बनाते हैं। प्रत्येक दोष में एक निश्चित ऊर्जा होती है जो शरीर के भीतर घूमती है। तीनों दोष आपके शरीर में मौजूद हैं। लेकिन इनमें से एक प्रधान होता है उसके अनुसार आपके शरीर की प्रकृति होती है। उदाहरण के लिए कफ दोष प्रधान होने पर कफ प्रकृति, पित्त की प्रधानता पर पित्त प्रकृति होती है। आयुर्वेदिक के अनुसार हमें दोषों के आधार पर ही अपने आहार का चुनाव करना चाहिए।
वात (आकाश और वायु) दोष वाले लोग पतले और ऊर्जावान होते हैं। यह दोष शारीरिक क्रियाओं, श्वास, रक्त प्रवाह और पाचन को नियंत्रित करता है। पित्त (अग्नि और जल) दोष मेटाबॉलिज्म, हार्मोन और पाचन को नियंत्रित करता है और इस दोष वाले लोग एक मध्यम कद काठी के हाेते हैं। कफ (जल और पृथ्वी) दोष प्रतिरक्षा, मांसपेशियों की वृद्धि और शक्ति को नियंत्रित करता है। अायुर्वेद के अनुसार दोष प्रधानता के आधार भोजन का चयन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के अनुसार मीठे, खट्टे, नमकीन, तीखे, कड़वे और कसैले जैसे छह प्रमुख स्वाद हैं। आपको अपने भोजन में इन सभी स्वादों को शामिल करना चाहिए। इन स्वादों में से कुछ ही खाने से आपके स्वास्थ पर बुरा प्रभाव हो सकता है। आइए जानते हैं किसी दोष की प्रधानता में कौन सा आहार लें और किन चीजों से परहेज करें:-
वात दोष
आयुर्वेद के अनुसार, वात प्रधान लोगों को ठंडे और कच्चे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। उन्हें कैफीन से भी बचना चाहिए। इन्हें मीठे, नमकीन, खट्टे स्वाद वाले गर्म व्यंजन खाने चाहिए। इसके अलावा साबुत अनाज, स्टार्च वाली सब्जियां, शहद, खट्टे फल, जामुन और अचार वाले खाद्य पदार्थ का सेवन वात प्रकृति के लोगों के लिए अच्छा होता है। यह आहार पाचन को बढ़ावा देकर वजन कम करने में भी मददगार होता है।
पित्त दोष
गर्म और मसालेदार भोजन, मादक पेय और किण्वित खाद्य पदार्थों से बचें। इसके बजाय, मीठे, कड़वे और कसैले खाद्य पदार्थ लें। पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली और अजवाइन आपके शरीर को detoxify करेंगे और वजन घटाने में सहायता करेंगे। आयुर्वेदिक आहार कहता है कि दाल, बीन्स, हरे सेब और अनार जैसे कसैले खाद्य पदार्थ पित्त को संतुलित करते हैं।
कफ दोष
नमकीन और भारी खाद्य पदार्थों से दूर रहें। डेयरी प्रोक्ड का इस्तेमाल न करें। तीखे, कड़वे और कसैले स्वाद के साथ बहुत सारे खाद्य पदार्थ हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है। मिर्च, लहसुन, प्याज, सरसों और अदरक का सेवन कफ दोष वाले लोगों के लिए अच्छा होता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो