कांच के बर्तन या परखनली में थोड़ा दूध डालें। अब इसमें सोयाबीन पाउडर डालकर हिला लें। यदि लाल लिटमस पेपर को इसमें डुबोने पर वह नीला हो जाता है तो इसका मतलब है इसमें यूरिया मिला हुआ है। मिलावटी दूध में स्टार्च भी ज्यादा रहता है।
दूध में स्टार्च की मिलावट जांचने के लिए आयोडिन या टिंचर आयोडिन (जो कि अक्सर घर में उपलब्ध होता है) की चार बूंद पांच एमएल दूध में मिलाएं। मिलाने के बाद यदि यह एकदम से नीला हो जाए तो इसका मतलब है कि दूध में स्टार्च है।
दूध को समतल जगह पर डालें। दूध यदि लकीर बनाता है तो वह सही है। यदि दूध बहता है और कोई लकीर नहीं बनती है तो इसका मतलब है कि इसमें पानी की मात्रा अधिक है। यदि दूध एक समय के बाद स्वत: ही फट जाता है तो वह सही है।
दो प्रकार से होती मिलावट –
मिलावट दो तरह से होती है। यदि किसी आहार से उपयोगी पदार्थ निकाल लिया जाए और उसकी जगह पर पानी मिलाया जाए तो इसे सब स्टैंडर्ड मिलावट कहते हैं। इस मिलावाट से स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है। दूसरी तरह की मिलावट में अखाद्य पदार्थों जैसे यूरिया, डिटरजेंट आदि मिलाए जाते हैं। इस मिलावट से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।