अपच/कब्ज की समस्या है तो ज्यादा पानी पीएं। हर एक घंटे में एक गिलास पानी अवश्य पीएं। अगर आपका वजन ज्यादा नहीं है तो मिश्री और सौंफ मिलाकर लें। इससे जल्द डकार आती है और स्वाद अच्छा रहता है। पानी में नमक, चीनी और भुना जीरा मिलाकर लेना भी ठीक रहता है। पीपली, नमक को नींबू पर लगाकर चूसने से भी कब्ज में आराम मिलता है। भुनी हुई अजवायन को सेंधा नमक के साथ मिलाकर लेने से पाचन संबंधी समस्या में आराम मिलता है।
सुुबह उठने के बाद समय से फ्रेश होने जाएं। इसको टालते हैं तो इससे धीरे-धीरे कब्ज होने लगती है। इससे बचने के लिए सुबह उठते ही 2-3 गिलास पानी पीएं। इससे बड़ी आंत पर दबाव पड़ेगा और पेट आसानी से साफ होगा। अगर पानी गुनगुना हो तो ज्यादा अच्छा रहता है। जब भी महसूस होता है कि फ्रेश होना है तो उस समय दूसरा काम न करें क्योंकि तब आंतें अधिक सक्रिय रहती हैं।
पेट के लिए फायबर डाइट बहुत जरूरी है। यह आंतों का संकुचन करने में सहायक होती है। इसके लिए जौ, चना और गेंहू की रोटी खाएं। चोकर और बेजड़ की रोटियां ही खाएं। रिफाइंड या मैदे की रोटी न खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियों में भी फायबर ज्यादा होता है। फलों का छिलका हटाकर न खाएं। छिलका हटाने से फायबर की मात्रा कम हो जाती है। फायबर युक्त दलिया नाश्ते में जरूर शामिल करें।
चना पेट के लिए बहुत अच्छा होता है। गर्मी में इसको भूनकर या सत्तु बनाकर लेना चाहिए। अपच में भी इसको ले सकते हैं। 100 ग्राम चना रोजाना खाना चाहिए। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी होती है। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा भी मिलती है। इससे कब्ज में भी तत्काल आराम मिलता है।
कब्ज से बचने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद समय से लें। सुबह जल्दी उठें। देरी से उठने परे व्यायाम नहीं हो पाता है। इससे भी कब्ज होती है। तनाव से भी कब्ज होता है। इसलिए ऐसा काम करें जिससे तनाव न हो। अगर नशा करते हैं तो तत्काल छोड़ दें। इससे भी हाजमा बिगड़ता है।