यूं मिलता है फायदा
आप आंवले के सेवन से बढ़ते हुए ब्लड ग्लूूकोज लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज रोगियों को आंवला निम्न तरह से लाभ पहुंचाता है। आंवले में क्रोमियम नामक खनिज पदार्थ होता है जो कि कार्बोहाइड्रेट के पाचन में मदद करता है और शरीर ब्लड शुगर को ठीक रखने के लिए इंसुलिन के प्रति ज्यादा क्रियाशील बनता है।
इस फल में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि खून में फ्री रेडिकल्स को खत्म करने मे हमारे शरीर के लिए अत्यधिक आवश्यक होते हैं। फ्री रेडिकल्स वो असंतुलित अुण होते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब हमारे शरीर में अणु इलेक्ट्रोंस को कम या ज्यादा करते हैं तब फ्री रेडिकल्स का निर्माण होता है। यदि फ्री रेडिकल्स को खत्म न किया जाए तो ये शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हमारा शरीर खुद एंटीऑक्सीडेंट का निर्माण नहीं कर सकता है इसलिए हमें आहार के जरिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लेने की जरूरत होती है। आंवले में पॉलीफेनोल होते हैं जो कि हाई ब्लड शुगर से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं।
ये फल शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक क्रियाशील बनाता है जिससे इंसुलिन का अवशोषण बढ़ जाता है और ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आती है। इस तरह डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला फायदेमंद होता है और ये प्राकृतिक रूप से मधुमेह को कंट्रोल करने के गुण रखता है।
डायबिटीज के मरीज कैसे लें आंवला
ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने का सबसे सुरक्षित तरीका है आंवले का जूस।
बेहतर परिणाम के लिए रोज सुबह खाली पेट 20 मि.ली आंवले का जूस पिएं। आप डायबिटीज को प्रभावी रूप से कंट्रोल करने के लिए करेले और आंवले को मिलाकर जूस बनाकर भी पी सकते हैं।