जानिए खाने में नमक की मात्रा कितनी होनी चाहिए
शरीर में नमक की मात्रा ज्यादा होने पर प्रतिरक्षी कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। इससे लाइलाज बीमारी हो सकती है।

नमक भोजन का स्वाद तो बढ़ा देता है लेकिन इसकी अधिकता आपको रोगी बना सकती है। भोजन में जरूरत से ज्यादा नमक का इस्तेमाल करने से मल्टीपल स्कलेरोसिस (एमएस) हो सकता है। यह बीमारी सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। आइये जानते हैं नमक के सेवन से जुड़ी कुछ खास बातें...
दिमाग पर असर -
शरीर में नमक की मात्रा ज्यादा होने पर प्रतिरक्षी कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। इससे लाइलाज बीमारी हो सकती है। साथ ही दिमाग और शरीर के दूसरे हिस्सों के बीच संवाद बाधित हो सकता है। इससे चलने में परेशानी भी हो सकती है। साथ ही एकाग्रता, ध्यान, याददाश्त और निर्णय क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
जल्दी होंगे बूढ़े -
नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो कोशिकाओं को जल्दी खत्म कर बूढ़ा बनाती है।
नमक का काम -
नमक शरीर में पानी के स्तर को नियंत्रित रखता है। भोजन को सही तरह से एब्जॉर्ब करने के लिए पाचनतंत्र को नमक की जरूरत होती है। नमक दिमाग की कोशिकाओं से एसिडिटी बाहर निकालता है। यह ब्लड में शुगर के स्तर को भी कंट्रोल करता है। मांसपेशियों के सही तरह से काम करने में भी नमक की अहम भूमिका होती है।
इतनी मात्रा सही -
सेहतमंद रहने के लिए चुटकीभर नमक ही काफी है। दो ग्राम नमक से शरीर में नमक की पूर्ति हो जाती है। शरीर स्वस्थ होने पर अतिरिक्त नमक की मात्रा को किडनी के जरिए बाहर निकाल दिया जाता है। किडनी या डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं तो अतिरिक्त नमक को शरीर से बाहर निकालने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। नमक यानी सोडियम क्लोराइड के लिए कुदरती चीजों जैसे पालक, ब्रोकली आदि का सेवन करें। सब्जी में ऊपर से नमक डालने की आदत से बचें।
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