गर्भवती स्त्रियों में फोलिक एसिड की कमी को दूर करने के लिए पालक खाना लाभदायक होता है। इससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है। इसमें मौजूद कैल्शियम बढ़ते बच्चों, बुजुर्गों और फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद है। इससे याददाश्त भी बढ़ती है।
पालक में मौजूद फ्लेवेनोएड्स एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर हृदय रोगों से लड़ने में भी मददगार हैं। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन-सी टीबी से बचाता है। यह आर्थराइटिस व ओस्टियोपोरोसिस की आशंका को भी घटाता है।
पालक आंखों के लिए अच्छा होता है। यह त्वचा को रूखा होने से बचाता है। साथ ही बालों को झडऩे से रोकता है। पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से झाइयां दूर होती हैं।
एक कटोरी पालक में सात ग्राम कैलोरी होती है जो वजन घटाने में सहायक होती है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है। इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल व अल्फा लिपोइक एसिड (एंटीऑक्सीडेंट) डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज की मात्रा कम करने में सहायक है।
उबला पालक : इसे खाने से शरीर में ‘विटामिन-ए’ की कमी दूर होकर त्वचा व बालों को पोषण मिलता है। सब्जी :
इसमें दाल, प्याज और कम मात्रा में मसाले मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। पनीर मिलाकर सब्जी बनाने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है।
पालक के सूप को आसानी से पचाया जा सकता है। यह पाचनक्रिया को दुरुस्त रखता है। कब्ज के मरीजों के लिए व सर्जरी के बाद पालक खाना लाभकारी होता है। कब न खाएं :
किडनी में पथरी होने पर पालक न खाएं। दरअसल पालक में ऑक्सालेट नामक पदार्थ होता है जो शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम-ऑक्सालेट (किडनी स्टोंस) बनाता है। पालक में प्रोटीन होता है इसलिए ऐसे रोगी जिन्हें ब्लड यूरिया की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या हो वे पालक का सेवन न करें। यह वायुकारक होता है इसलिए मानसून में भी खाने से बचें।