अनार में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइडे्रट, फाइबर्स, विटामिन्स और खनिज पाए जाते है। अनेक आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में भी अनार का प्रयोग किया जाता है। एनिमिया से पीडि़त लोगों को अनार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हमारे दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी अनार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दिमाग को तेज करने में असरदार होने के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक माना जाता है।
यह पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन -ई और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें ऑरेंज से दो गुना ज्यादा विटामिन सी होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स एवं विटामिन सी से भरपूर कीवी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है। सूजन कम करने में मददगार कीवी में इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है।
इसमें पानी की मात्रा 92 प्रतिशत होती है। ग्लूटेथियोन की ज्यादा मात्रा पाई जाती है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है। इसके अलावा वॉटरमेलन में विटामिन सी एवं पोटैशियम पाया जाता है। इसमें एसपीएफ की मात्रा प्राकृतिक रूप से होती है, जो हमारी स्किन को हैल्दी बनाए रखने के साथ ही कड़ी धूप से भी बचाती है। इसमें लाइकोपिन पाया जाता है जो त्वचा की चमक को बरकरार रखता है। हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में भी यह सहायक है। कोलस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करता है। तरबूज की तासीर ठंडी होती है इसलिए ये दिमाग को शांत रखता है। इसके बीजों को पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है। साथ ही इसका लेप सिर दर्द में भी आराम पहुंचाता है। तरबूज के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
गे्रप्स में 80 प्रतिशत मात्रा पानी की होती है। इनमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और विटामिन सी पाया जाता है। यह इम्यूनिटी बूस्टर का काम करते हैं। इनका सेवन माइग्रेन से राहत दिलाता है। किडनी रोग का नहीं होगा खतरा। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होने के साथ ही यह वायरल संक्रमण से भी बचाते हैं।
‘एन एपल अ डे, कीप्स द डॉक्टर अवे। रोजाना एक एपल खाने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स और प्लेवोनॉएड्स होते हैं, जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं एवं बढ़ती उम्र की वजह से मस्तिष्क पर पडऩे वाले प्रभाव को दूर करने में मदद करते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर्स होते हैं जो पाचन क्रिया को नियंत्रण में रखते हैं और कब्ज की समस्या भी नहीं रहती। यह कैंसर से भी बचाता है, साथ ही एपल केनियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो जाता है। यह हार्ट के लिए बहुत अच्छा होता है।
इन दोनों ही फलों में सबसे ज्यादा मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। अमरुद में फाइबर होता है, जो कब्ज दूर करता है। पपीते में कैरोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो आंखों के लिए बहुत अच्छी होती है। इसे काले नमक के साथ खाने से गैस एवं पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाती है। पेट में कीड़े हो जाने पर इसका सेवन फायदेमंद होता है। अमरूद की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाकर आंखों के नीचे लगाने से काले घेरे और सूजन कम हो जाती है। पित्त की समस्या में भी अमरूद का सेवन करना लाभकारी होता है। कोलेस्ट्रॉल कम करन में सहायक पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। रोग प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने में भी इसका जवाब नहीं।
यह एक प्रोटेक्टिव फू्रट है। इसमें अन्य फलों के मुकाबले में सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। शरीर के सभी फ्री रेडिकल्स को खत्म कर रंगत निखारने में मदद करती है। विटामिन बी और सी के गुणों से भरपूर स्ट्रॉबेरी का सेवन इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा स्ट्राबेरी का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंजाइम आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनॉयड और विटामिन सी शरीर में कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करते हैं। डायबिटीज के मरीज बिना किसी टेंशन के इसे खा सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर का सेवन पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है, जिससे कब्ज, एसिडिटी, अपच और गैस जैसी प्रॉब्लम दूर रहती है। स्ट्रॉबेरी में ऐसे कई तत्व होते हैं, जिससे अस्थमा जैसी बीमारी को ठीक करने में मदद मिलती है। इसका सेवन शरीर में ऐंठन और दर्द में आराम पहुंचाता है, जिससे आपकी गठिया रोग की समस्या दूर हो सकती है।