
शुगर घटाकर इंसुलिन बनाने में मददगार है गुड़मार
गुड़मार को संस्कृत में मेष श्रृंगी भी कहा जाता है। यह गुड़ + मार दो शब्दों से बना है, गुड़ अर्थात् मीठा, मार यानी नष्ट करने वाली। आयुर्वेद में इसे अकेले या मधुमेहरोधी अन्य दवाओं के साथ मिलाकर (खासकर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए) प्रयोग में ले सकते हैं। कई रोगों में इसे विभिन्न तरह से प्रयोग में लिया जाता है।
शुगर का स्तर कम:
गुड़मार की हरी पत्तियों को चबाना या पत्तियों के आधे चम्मच सूखे पाउडर को पानी से लेना खून में शुगर के स्तर को कम करता है। इंसुलिन बनाने की क्षमता बढऩे के साथ आंतों में शुगर का अवशोषण कम होता है। इसीलिए यह मधुनाशिनी कहलाती है।
वजन घटाए:
शरीर में वसा के जमाव को रोकने में गुड़मार उपयोगी है। यह मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मददगार है।
संक्रमण रोधी:
गुड़मार में मौजूद तत्त्व शरीर के विषाणुओं से लड़कर रोगों की आशंका को घटा देते हैं।
ऐसे करें प्रयोग :
मधुमेह के लिए गुड़मार की 2-3 हरी पत्तियों को चबाकर ऊपर से पानी पी लें या 2-4 ग्राम सूखी पत्तियों का पाउडर जरूरत के अनुसार सुबह-शाम ले सकते हैं। गुड़मार सत्त्व 500 मिग्रा मात्रा में सुबह-शाम ले सकते हैंं। विशेषज्ञ के बताए अनुसार ही इसको लेना चाहिए।
Published on:
23 Jul 2019 06:00 pm
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