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कुछ बीमारियों में दूध पीना होता है हानिकारक

पौष्टिकता से भरपूर दूध हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है। लेकिन इसे लेने के सही तरीके व समय आदि के बारे में लोगों को कम जानकारी होती...

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Mukesh Kumar Sharma

May 08, 2018

Milk

Milk

सूजन होने पर गठिया के मरीज दूध का सेवन करने से परहेज करें।

पौष्टिकता से भरपूर दूध हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है। लेकिन इसे लेने के सही तरीके व समय आदि के बारे में लोगों को कम जानकारी होती है। जानते हैं इससे जुड़े तथ्यों के बारे में।

उबालकर प्रयोग करें

आयुर्वेद के अनुसार कच्चा दूध सिर्फ स्वस्थ गाय का ही लेना चाहिए व इसे तुरंत पी लेना चाहिए वर्ना इसमें कीटाणुओं के पनपने की आशंका रहती है। साथ ही इससे चर्म रोग, एलर्जी व उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर है कि दूध को उबालकर प्रयोग करें, इससे बैक्टीरिया का खतरा नहीं रहता और इसका लाभ कच्चे दूध जैसा ही होता है।

दवा के साथ सेवन

मलेरिया, सामान्य बुखार, सूखी खांसी, निमोनिया, शारीरिक दुर्बलता, हृदय संबंधी रोग, जलन, बवासीर, मिर्गी, मानसिक रोग, हड्डियों व जोड़ों के दर्द आदि में मरीज को दवाओं के साथ दूध जरूर लेना चाहिए। इन रोगों में वात व पित्त की अधिकता होती है। दूध इसे कम करता है। यह दवाओं की गर्मी को भी शांत करता है। दस्त, पेचिश, मोटापा, मधुमेह, पीलिया, लिवर की बीमारियां व गठिया के ऐसे रोगी जिनके जोड़ों में सूजन हो, वे दूध का प्रयोग न करें। इन रोगों में पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है व दूध भारी होने के कारण आसानी से पच नहीं पाता। मरीज को एसिडिटी, अपच व उल्टी की शिकायत हो सकती है।

ध्यान रहे

खट्टे फलों के साथ दूध का प्रयोग न करें। ऐसा करने से बदहजमी, जलन हो सकती है।
खाली पेट दूध न लें। इसे हमेशा नाश्ते के साथ लें। भारी होने की वजह से यह पेट दर्द की समस्या दे सकता है।
रात को भोजन करने के करीब एक घंटे बाद दूध लेने से यह खाने के मिर्च-मसालों की गर्मी को शांत कर देता है।
दूध को एल्यूमीनियम, कांसे, तांबे या बिना कलईदार पीतल के बर्तन में न उबालें। इससे धातु का अंश दूध में जाने से जी मिचलाना, चक्कर व उल्टी आदि की समस्या हो सकती है।