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HEALTH TIPS : कहीं आपके पेट में खाना सड़ तो नहीं रहा?

locationजयपुरPublished: Dec 27, 2019 04:48:28 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

आयुर्वेद के अनुसार जब पेट में जठराग्नि जलेगी तो ही खाना पचेगा और जब खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा। भोजन के पचने से जो रस बनता है उससे शरीर में मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डियां, मलमूत्र और मेद का निर्माण होता है।

HEALTH TIPS

HEALTH TIPS : कहीं आपके पेट में भी खाना सड़ तो नहीं रहा

दाल, चावल, सब्जी, रोटी, दूध, दही और फलों समेत कई चीजों का सेवन हम भोजन के रुप में करते हैं। ये सभी चीजें हमारे पेट में जाती हैं और पेट के जरिए भोजन से उत्पन्न होनेवाली ऊर्जा पूरे शरीर में पहुंचती है। दरअसल पेट में एक छोटा सा स्थान होता है जिसे अमाशय कहते हैं। भोजन इसी में जाता है और खाते वक्त अमाशय में जो अग्नि प्रज्जवलित होती है उसे जठराग्नि कहते हैं। ये भोजन को पचाने में मदद करती है। कई बार जब लोग खाना खाते वक्त ज्यादा पानी पी लेते हैं और कई लोग तो खाते वक्त फ्रीज का ठंडा पानी पी लेते हैं तो इससे पाचन बिगड़ता है।

बीमारी की जड़ पेट से जुड़ी होती है

खाना खाने के बाद हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है। पहली क्रिया को डाइजेशन कहा जाता है जिससे खाना पचता है और दूसरी फर्मेन्टेशन की क्रिया जिसका मतलब है पेट में खाने का सड़ना। ऐसा माना जाता है कि बीमारी की जड़ पेट से जुड़ी होती है। स्वस्थ रहने के लिए पाचन का सही होना जरूरी है। पाचन बिगड़ने से बीमारियां शुरू होती हैं। जब खाना पचता नहीं है तो यह सड़ने लगता है। जिस व्यक्ति का पाचन जितना अच्छा रहता है उसका स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहता है।
पाचन बिगड़ने से ये असर पड़ता
पाचन क्रिया बिगड़ने से शरीर अस्वस्थ और दिमाग सुस्त हो जाता है जिसका असर हमारी कार्यक्षमता पर पड़ता है। इसके पीछे प्रमुख वजह है ज्यादा खाना, अनियमित खान-पान, देर तक जागना जैसी कई चीजें पाचन क्रिया को प्रभावित करती हैं।
इसलिए सड़ने लगता है खाना
पाचन बिगड़ने से खाना पेट में सड़ने लगता है। ऐसा पेट की जठराग्नि के कम होने से होता है। इससे शरीर में थकान, सुस्ती, चेहरे की चमक घटने लगती है। मोशन में दिक्कत व कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है जो बाद में फिशर, पाइल्स की समस्या होने लगती है। इसके अलावा इससे यूरिक एसिड, कॉलेस्ट्रॉल और हार्टअटैक से लेकर कई गंभीर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
डॉ. राजेश कुमार शर्मा, आयुवेद विशेषज्ञ

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