गले और फेफड़े में होने वाले संक्रमण से बचाता है गुड़, जानें इसके अन्य फायदे
अगर भोजन के बाद मीठा खाने की आदत है तो गुड़ खा सकते हैं। यह खाना पचाने के साथ गैस की समस्या से निजात दिलाता है। खट्टी डकारें आएं तो गुड़ को काला नमक के साथ चाट सकते हैं।

जुकाम, सर्दी व खांसी होना आम है। तासीर में गर्म होने के कारण गुड़ को चाय या दूध में, चने के साथ या लड्डू में मिलाकर खा सकते हैं।
अगर भोजन के बाद मीठा खाने की आदत है तो गुड़ खा सकते हैं। यह खाना पचाने के साथ गैस की समस्या से निजात दिलाता है। खट्टी डकारें आएं तो गुड़ को काला नमक के साथ चाट सकते हैं।
त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए इसे खाया जा सकता है। यह शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालने और रक्त को शुद्ध करने का काम करता है। इसके अलावा यह गले व फेफड़े से जुड़े संक्रमण से बचाता है। थकावट होने पर इसे पानी के साथ ले सकते हैं।
इसमें मौजूद एंटी-एलर्जिक तत्त्व अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद है। ऐसे रोगी गुड़ व काले तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं।
इसकी तासीर गर्म होती है लेकिन इसे पानी के साथ लें तो यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है। गर्मियों में यह खास राहत पहुंचाता है। आयरन से भरपूर गुड़ एनीमिया की शिकायत दूर करता है।
गले में खराश की स्थिति में अदरक के रस को गुड़ के साथ खाएं।
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