एसिडिटी के कारणाें में समय पर खाना न लेना और रात में भोजन न करना भी है। लंबे समय तक एसिडिटी का इलाज न कराने पर 4 फीसदी मरीजों में आहारनली के कैंसर की आशंका रहती है। डाइट व लाइफस्टाइल सुधारकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। परेशानी से बचाव के लिए अधिक तला-भुना खाने से बचें व ज्यादा पानी पीने के अलावा व्यायाम भी करें।
एसिडिटी के दौरान मुंह में खट्टापन महसूस होता है। ऐसा पेट व आहारनली के बीच के भाग में किसी तरह की खराबी से होता है। पेट में मौजूद एसिड ऊपर की ओर बढ़कर आहारनली में एसिडिटी करता है।
ऐसे पहचानें समस्या और इलाज
पेट के ऊपरी भाग में जलन-दर्द, भूख न लगना, डकार आना, गले में जलन व उल्टी लक्षण हैं। लंबे समय तक इन लक्षणों से अल्सर हो सकता है। विशेषज्ञ एंटीपेप्टिक अल्सरैंट्स दवा देते हैं। वर्कआउट करने व फल (केला, सेब, तरबूज), खीरा व हरी सब्जी खाने की सलाह देते हैं।
पेट के ऊपरी भाग में जलन-दर्द, भूख न लगना, डकार आना, गले में जलन व उल्टी लक्षण हैं। लंबे समय तक इन लक्षणों से अल्सर हो सकता है। विशेषज्ञ एंटीपेप्टिक अल्सरैंट्स दवा देते हैं। वर्कआउट करने व फल (केला, सेब, तरबूज), खीरा व हरी सब्जी खाने की सलाह देते हैं।