पोषक तत्व : विटामिन ए, सी, ई, के, बी-6 फोलिक एसिड, लोहा, तांबा, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर पाया जाता है। फायदे : शतावरी में क्रोमियम मधुमेह नियंत्रित करता है। सिरदर्द में फायदेमंद है। ल्यूकोरिया की समस्या से निजात दिलाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
– शतावरी चूर्ण खांसी, डिहाइड्रेशन, दस्त, खसरा, पुराना बुखार आदि को ठीक करने में भी मदद करता है। – इसमे उम्र को बढ़ने से रोकने के भी गुण हैं। – यह एक अच्छे एन्टी डिप्रेस की तरह काम करता है।
इस्तेमाल : कमजोरी, याद्दाश्त, सियाटिका, मूत्र संबंधी विकारों में जड़ का 10-20 मिली. ज्यूस लें। काढ़ा बनाने के लिए 5 ग्राम पाउडर 80 मिली. पानी उबालकर 20 मिली. बचे पानी को ठंडा कर पीएं। सर्दी-खांसी-जुकाम में गुनगुने दूध में एक चम्मच शतावरी ले सकते हैं।
सावधानी : गर्भस्थ व फीड कराने वाली महिलाएं विशेषज्ञ की सलाह से इसका सेवन करें।