जमीन पर बैठकर भोजन करने से कूल्हे के जोड़, घुटने व टखने लचीले बनते हैं जिससे जोड़ों में चिकनाई बनी रहती है। इससे भविष्य में उठने-बैठने में दिक्कत नहीं आती। ऑस्टियोपोरोसिस व आर्थराइटिस जैसे हड्डी रोगों में जमीन पर बार-बार उठना-बैठना लाभदायक हो सकता है।
जमीन पर बैठते समय हम सुखासन की मुद्रा में बैठते हैं जो तनाव दूर करता है और दिमाग मजबूत बनाता है। साथ ही इससे पीठ व पेट के आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव आता है।