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सुबह उठते ही आती हैं छींकेंं, तो हो सकती है दिक्कत

locationजयपुरPublished: Apr 20, 2021 06:53:59 pm

तापमान में बदलाव से कई बार लोगों को सुबह जल्दी उठने के साथ लगातार छींकें (sneezing) आती हैं। वैसे तो छींकना एलर्जी से बचाव की स्वाभाविक प्रक्रिया हैए जिससे शरीर में मौजूद एलर्जी के कारक बाहर निकलते हैं। लेकिन रोज सुबह 4.5 बार से ज्यादा छींकें आना सामान्य नहीं। इसके साथ नाक बहनाए आंखों में जलन व नाक बंद होने जैसी दिक्कत भी होती है।

Sneeze

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तापमान में बदलाव से कई बार लोगों को सुबह जल्दी उठने के साथ लगातार छींकें (sneezing) आती हैं। वैसे तो छींकना एलर्जी से बचाव की स्वाभाविक प्रक्रिया हैए जिससे शरीर में मौजूद एलर्जी के कारक बाहर निकलते हैं। लेकिन रोज सुबह 4.5 बार से ज्यादा छींकें आना सामान्य नहीं। इसके साथ नाक बहनाए आंखों में जलन व नाक बंद होने जैसी दिक्कत भी होती है। जाने कुछ घरेलू उपाय…

4.5 बार से ज्यादा छींकें आना सामान्य बात नहीं है। ये एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं।

ये भी उपयोगी :
मेथी के दाने (Fenugreek seeds): एक कप पानी में 2-3 चम्मच मेथी के दानों को उबालें। पानी आधा रहने पर गुनगुना घूंट-घूंट कर पीएं, लाभ होगा।

पान का पत्ता (betel leaf ) : 2.3 पान के पत्ते को पीसकर जूस निकालकर आधे चम्मच शहद के साथ लेने से कफ, एलर्जी और सर्दी नहीं रहती।

खट्टे फल (Citrus fruit ): फलेवेनॉएड्स व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल संतरा, नींबू, अंगूर आदि इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हैं। ये सर्दी व एलर्जी के कारक वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं। इनमें से एक फल रोज खाएं।

सौंफ (aniseed) : एंटीऑक्सिडेंट युक्त सौंफ को हर्बल टी के रूप में ले सकते हैं। इससे एलर्जी के प्रति लडऩे की क्षमता बढ़ती है।

हल्दी (turmeric) : आयुर्वेद में हल्दी का धुआं सूंघने की प्रक्रिया हर्बल स्मोकिंग कहलाती है। इसके लिए 1-2 चम्मच पिसी हल्दी को गर्म तवे पर रखकर इससे निकलने वाले धुएं को सूंघें। तवे पर एक चम्मच घी गर्म कर के भी हल्दी पाउडर डाल सकते हैं।

काली मिर्च (Black pepper): 5.8 काली मिर्च और एक चुटकी हल्दी पाउडर को काली मिर्च के पत्ते में अच्छी तरह से लपेट लें और इसे हल्का गर्म करें। ब्रश करने के तुरंत बाद इसे चबाएं। बच्चों को इसे न दें क्योंकि इससे मुंह और सीने मेें जलन हो सकती है।

लहसुन (Garlic ): सहजन के पत्ते व लहसुन को मिलाकर अच्छी तरह से पेस्ट बना लें। इसे कपड़े या रुमाल पर लगाकर सूंघें। सहजन की जगह तुलसी पत्ता भी उपयोगी है।

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