– गर्भावस्था के दौरान गर्भवति के शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती हैं क्योंकि ये कैल्शियम और फास्फोरस का उचित स्तर बनाएं रखने में मदद करता है। इससे आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास में मदद मिलती है।
– गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा के कारण बैक्टीरियल वेजाइनिटिस रोग नहीं होता है।
– विटामिन डी भ्रूण को फेफड़ों की समस्या का विकास होने और अस्थमा जैसी इम्यून कंडीशन होने से बचाता है।
– इससे नवजात शिशुओं में कार्डियो से संबंधित समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है।
शरीर में उत्पादित विटामिन-डी का लगभग 95 प्रतिशत धूप से आता है। शेष 5 प्रतिशत अंडे, वसा वाली मछली, फिश लिवर ऑयल, दूध, पनीर, दही और अनाज जैसे खाद्य पदार्थो से मिलता है।