इसकी कमी से ये परेशानियां होती हैं-
चोट लगने पर लंबे समय तक खून बहना।
नाक या मसूड़ों से ब्लीडिंग।
विटामिन-के की अत्यधिक कमी हो तो पाचनतंत्र में भी ब्लीडिंग होने लगती है।
ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव, धमनियों का सख्त होना।
पित्त की छोटी आंत की परेशानी, सिस्टिक फाइब्रोसिस। यूरिन में ब्लड आना।
ये हैं अच्छे स्त्रोत –
गोभी की तरह हरी पत्तेदार सब्जियों में सबसे ज्यादा विटामिन-के होता है। इसके एक कप में 1147 माइक्रोग्राम विटामिन है। बैंगनी या हरे रंग की पत्तियों वाली केल पकने के बाद मीठी और स्वादिष्ट हो जाती है। इसे सलाद के रूप में खा सकते हैं।
पालक आयरन के साथ विटामिन-ए व बीटा कैरोटीन का भी स्त्रोत है।
शलगम साग के एक कप में लगभग 441 मिलीग्राम विटामिन-ए, 851 माइक्रोग्राम विटामिन-के है। इसे साग या सलाद के रूप
में खाएं।
चुकंदर के एक कप रस में में 276 मिलीग्राम विटामिन-ए, 697 माइक्रोग्राम विटामिन-के है। इसका सलाद भी ले सकते हैं।
फूलगोभी के एक कप जूूस में लगभग 220 माइक्रोग्राम विटामिन-के है। इसमें आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन-ए और सी भी पा सकते हैं।
विटामिन-के की कमी और रोग –
इस तत्त्व की कमी से हृदय रोग व हृदयाघात का खतरा बढ़ता है। हृदयरोग का कारण है धमनियों का सख्त हो जाना। विटामिन-के धमनियों की लाइनिंग व शरीर के टिश्यूज से कैल्शियम हटाता है, जो धमनियों को मजबूत बनाता है।
गर्भवती महिलाओं के शरीर में विटामिन-के की कमी हो तो भ्रूण में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भस्थ शिशु की अंगुलियां विकृत हो सकती हैं। भ्रूण के संपूर्ण विकास में विटामिन-के मदद करता है। गर्भवती महिला को इसीलिए विटामिन-के सप्लीमेंट के रूप में दिया जाता है। विटामिन-के कैंसर रोगियों में कैंसर सेल्स की वृद्धि रोकता है।