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जानिए यूनानी में ‘जुब्न’ यानी दूध का महत्व क्या होता है

locationजयपुरPublished: Mar 18, 2019 06:51:20 pm

दूध एक संतुलित आहार है जिससे शरीर में ठंडक व तरावट रहती है और तनाव दूर होकर स्फूर्ति बढ़ती है। जानते हैं इसके बारे में-

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दूध एक संतुलित आहार है जिससे शरीर में ठंडक व तरावट रहती है और तनाव दूर होकर स्फूर्ति बढ़ती है। जानते हैं इसके बारे में-

यूनानी चिकित्सा में दूध यानी ‘जुब्न’ को कई रोगों में प्रयोग किया जाता है। दूध से हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं। दूध एक संतुलित आहार है जिससे शरीर में ठंडक व तरावट रहती है और तनाव दूर होकर स्फूर्ति बढ़ती है। जानते हैं इसके बारे में-

बकरी का दूध : शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन या जलन की समस्या में इसे पीने से लाभ होता है। टीबी के इलाज के लिए इसे पीने की सलाह दी जाती है।

ऊंटनी का दूध : इसमें लौह तत्व और विटामिन-सी अधिक मात्रा में होते है। साथ ही अन्य विटामिन और मिनरल्स होने से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीजों को इसे नियमित रूप से पीना चाहिए। टीबी, आंखों के अल्सर, कैंसर, एलर्जी और ऑटिज्म के इलाज में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

लाभ : दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फॉस्फोरस और विटामिन-ए, बी-12, डी जैसे तत्व मौजूद होते हैं। यूनानी चिकित्सा में दूध के औषधीय गुणों की वजह से इसे कई रोगों में वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है। इससे हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। यह एक संतुलित आहार है जिससे शरीर में स्फूर्ति बढ़ती है। बढ़ते हुए बच्चों, गर्भवती व फीड कराने वाली महिलाओं के लिए यह अत्यंत लाभकारी होता है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को भी बाहर निकालता है।

सावधानियां : आमतौर पर बच्चे से लेकर बड़ा 250 मिली. से 500 मिली. दूध एक दिन में पी सकता है। लेकिन यह व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उम्र पर निर्भर करता है कि उसे कितनी मात्रा में दूध की आवश्यकता है। इसलिए विशेषज्ञ की राय जरूरी है। स्वस्थ व्यक्ति एक बार में एक ही तरह का दूध पिएं। यदि विशेषज्ञ रोग के निदान के लिए मरीज को दवा के रूप में कोई अन्य दूध पीने की सलाह दे तो वह दो प्रकार का दूध पी सकता है। भोजन के तुरंत बाद व खट्टी चीजों के साथ दूध का प्रयोग न करें।

कुछ लोगों के शरीर में छोटी आंत ‘लैक्टोस’ (पचाने वाला एंजाइम) ज्यादा नहीं बना पाती, इससे उन्हें अपच की शिकायत हो जाती है। इसे ‘लैक्टोस इंटोलरेंस’ कहते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ दूध में छोटी इलायची उबालकर पीने की सलाह देते हैं।

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