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जुकाम और एसिडिटी भगाए तेजपत्ते का चूर्ण

सिरदर्द, बार-बार छींकें आना और सर्दी-जुकाम में तेजपत्ते के चूर्ण की चाय पी सकते हैं

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जुकाम और एसिडिटी भगाए तेजपत्ते का चूर्ण

तेजपत्ता को आयुर्वेद में एक औषधि बताया गया है। जो खाने में स्वाद व महक बढ़ाता है। जानें इसके फायदे-

- सिरदर्द, बार-बार छींकें आना और सर्दी-जुकाम में तेजपत्ते के चूर्ण की चाय पी सकते हैं। चाय की पत्ती की जगह तेजपत्ते के चूर्ण को प्रयोग में लें।
- दांतों की मजबूती, चमक बढ़ाने और कीड़ों की समस्या में तेजपत्ते के चूर्ण से हफ्ते में 3-4 दिन मंजन करें।
- पेट में गैस, एसिडिटी में इसका चूर्ण पानी से लें।
- पांच तेजपत्ते पानी में उबालें और ठंडा करें। इससे सिर की मालिश करें और सूखने पर धो लें। ऐसा करने से बाल मजबूत होने के साथ जुओं की समस्या दूर होगी।
- मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए एक तेजपत्ता भोजन करने के बाद चबाएं।
- खाने में रोजाना तेजपत्ते का इस्तेमाल करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।

- किडनी स्टोन और किडनी से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं के लिए तेजपत्ते का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। तेजपत्ते को उबालकर उस पानी को ठंडा करके पीने से किडनी स्टोन और किडनी से जुड़ी दूसरी समस्याओं में फायदा मिलता है।

- दर्द में राहत के लिए भी तेजपत्ता एक कारगर उपाय है। तेजपत्ते के तेल से प्रभावित जगह पर मसाज करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा अगर तेज सिर दर्द हो रहा हो तो भी इसके तेल से मसाज करना अच्छा रहता है।