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मोटे अनाज का महत्व बताने शुरु की कश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल यात्रा

हरियाणा के नीरज का डिंडौरी आगमन पर हुआ भव्य स्वागत

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Cycle journey from Kashmir to Kanyakumari started to show the importance of coarse grains

Cycle journey from Kashmir to Kanyakumari started to show the importance of coarse grains

डिंडौरी. हरियाणा सोनपत के रहने वाले युवा नीरज कुमार प्रजापति मोटे अनाज का महत्व बताने के साथ ही इस विषय पर जागरुकता को लेकर 1 दिसम्बर को कश्मीर के लाल चौक श्रीनगर से साइकिल यात्रा पर निकले हैं। उनका 31 जनवरी को कन्याकुमारी पहुंचने का लक्ष्य है। नीरज ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था। इसका उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में मोटे अनाज से पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए जागरूकता बढाना है। इसी उद्देश्य को लेकर वह कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रहने वाले लोगों और किसानों को मोटे अनाजों से मिलने वाले पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के प्रति जागरूक करने साइकिल यात्रा पर निकले है। शहडोल से यात्रा प्रारंभ कर कृषि विज्ञान केंद्र डिंडौरी पहुंचने पर केंद्र प्रमुख डॉ. हरीश दीक्षित, प्रिया, कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ. डीएन श्रीवास सहित समस्त स्टाफ ने फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद नीरज प्रजापति के कलेक्ट्रेट पहुंचने पर कलेक्टर विकास मिश्रा ने भी फूल माला के साथ अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि डिंडौरी की लहरी बाई जो मिलेट्स की ब्रांड एंबेसडर है उनसे कल मिलने जाएंगे। इसके बाद अपने गंतव्य के लिए रवाना करेंगे। नीरज ने बताया कि 4200 किलोमीटर की यात्रा में वह एक दिन में लगभग 60 से 80 किलोमीटर तक साइकिल चलाते है। सोशल मीडिया के माध्यम से घर वालों से बात करते हैं, जिससे उनके कुशलक्षेम की जानकारी मिल जाती है। वह जहां भी जाते हैं लोगों को मोटे अनाज के बारे में जानकारी देते हैं और इससे होने वाले लाभ के बारे में बताते है। पूरे भारत में जहां भी कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र है वहां जाकर अपने बारे में जानकारी देते है और वहीं रुक जाते है। नीरज केंद्र के आसपास के किसानों को मोटे अनाज से होने वाले लाभ, उपज के तरीके, भण्डारण सिंचाई की पद्धति की जानकारी दे रहे हैं।