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जबलपुर-अमरकंटक मार्ग पर मंडराया खतरा

सड़क तक पहुंच गया मिट्टी का कटाव, बाढ़ में बह जायेगी सड़क

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Hazard threat on Jabalpur-Amarkantak road

Hazard threat on Jabalpur-Amarkantak road

गोरखपुर। करंजिया विकासखंड के अंतर्गत कस्बा गोरखपुर के पास से बहने वाली सिवनी नदी के पुल के पूरब क्षेत्र के हिस्से में भूस्खलन होने से मिट्टी का कटाव सड़क तक पहुंच चुका है। यद्यपि इस वर्ष तेज बारिश के दौरान बाढ़ के साथ भूस्खलन बढ़ा तो जबलपुर-अमरकंटक मार्ग में सरपट दौडऩे वाली यात्री बसों सहित मालवाहक छोटे बड़े ट्रक वाहन इसकी चपेट में आ सकते हैं और यह मार्ग कभी भी बंद हो सकता है। बताया गया है कि वहां बीते चार सालों से मिट्टी का कटाव लगातार जारी है। प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में नदी में बाढ़ के पानी के तेज बहाव से भूस्खलन बढ़ते-बढ़ते सड़क के अंतिम किनारे तक पहुंच चुका है। इस कारण इस बारिश में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। बावजूद इसके अब तक इसे रोकने के उपाय नहीं किये गये हैं जबकि भूस्खलन लगातार बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि कस्बा के पास से बहने वाली सिवनी नदी में बारिश के मौसम में तेल वर्षा के कारण नदी के पानी का बहाव तेज रहता है। इस नदी में वनांचल क्षेत्र के बारिश का पानी सीधे मिलता है। यह बड़ी नदी के रूप में जानी जााती है। काफी चौड़े हिस्से में बारिश के दौरान का पानी बहता रहता है। इस कारण नदी में आसपास की जमीन के मिट्टी की पकड़ ढीली हो जाती है और भूस्खलन जैसे नौबत बनी रहती है। हालांकि अभी इस क्षेत्र में मानसून की सक्रिय वर्षा नहीं हो रही है, लेकिन जैसे ही मानसून ने अपनी दस्तक दी और सक्रिय बारिश ने रफ्तार पकड़ी तो उस दौरान यह नदी उफान पर रहती है और कभी-कभी तो बाढ़ पुल के उपर से गुजरती है। उस समय जो अभी का प्रभावित हिस्सा है, उसका दायरा निश्चित ही बढ़ सकता है। बताया गया कि पूर्व में यहां की मिट्टी का कटाव नहीं हुआ था सड़क से लगभग 200 फीट की दूरी तक की जमीन समतल थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ये स्थिति बनी है। अब तो नदी के पानी का बहाव बिल्कुल सड़क से सटकर है। जिस पर यथा शीघ्र ध्यान देने की आश्यकता है। जाहिर है कि जबलपुर में अमरकंटक तक के लिये रोजाना दर्जनों यात्री बस का आवागमन इसी मार्ग से होता है। अलावा इसके सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन यहां से गुजरते हैं। मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़ से जोडऩे वाला यह एक मात्र मार्ग है और सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रतिदिन असंख्य श्रद्धालु मप्र के विभिन्न गांव शहरों सहित अन्य राज्यों के अलग-अलग हिस्सों से अमरकंटक तीर्थ दर्शन नर्मदा स्नान करने इसी मार्ग से आते जाते हैं। ऐसे में यदि यहां की सड़क के पास का कटाव बढ़ता है तो मार्ग संकरी हो सकती। जिससे इस मार्ग से यातायात लगभग पूरी तरह बंद हो जायेगा और 50 किमी की अतिरिक्त यात्रा गोरखपुर से गोपालपुर होकर रूसा होते हुये करनी पड़ेगी। जिसमें समय और पैसों की बर्बादी होगी। बताया गया है कि सिवनी नदी के पुल के करीब बढ़ रहे मिट्टी के कटाव पर अभी तक न तो विभाग ने ध्यान दिया है और न ही सड़क निर्माण कंपनी जबकि यहां से अनेकों बार जवाबदारों को गुजरना हुआ है। चूंकि यहां पर एहतियात के तौर पर सूचना बोर्ड लगना जरूरी है जिसमें मिट्टी के कटाव और सड़क के संकरे तथा भूस्खलन की जानकारी का उल्लेख हो। क्षेत्रीय वासियों ने जिला प्रशासन से मांग की भविष्य में होने वाली असुविधा से बचने के लिये प्रशासन कटाव को रोकने का कार्य करें।