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हाईस्कूल के मात्र एक शिक्षक निभा रहे चपरासी व प्राचार्य सहित 6 पदों की जिम्मेदारी

स्कूल न आने वाले बच्चों के घर जाकर लाने का भी करते हैं कामडिंडौरी. जिले में एक शिक्षक ऐसा भी है जिसके पास भृत्य से लेकर प्रिंसिपल तक का प्रभार है। खास बात यह है की यह शिक्षक अपनी सभी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं बजाग विकासखंड के […]

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स्कूल न आने वाले बच्चों के घर जाकर लाने का भी करते हैं काम
डिंडौरी. जिले में एक शिक्षक ऐसा भी है जिसके पास भृत्य से लेकर प्रिंसिपल तक का प्रभार है। खास बात यह है की यह शिक्षक अपनी सभी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं बजाग विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल मिढली की। यहां पदस्थ इकलौते शिक्षक पंचम सिंह मरावी ही सभी कार्य कर रहे हैं। स्कूल में भृत्य, शिक्षक व बाबू के कुल 6 पद रिक्त हैं और इन 6 पदों की भरपाई अकेले पंचम सिंह कर रहे हैं। इन दिनों जिले का शिक्षा विभाग शराबी शिक्षकों को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। जिले के मेंहदवानी व डिंडौरी विकासखंड शिक्षाधिकारी ने सरकारी स्कूलों में शराब पीकर आने वाले 26 शिक्षकों की सूची जारी की है। इसके बाद शिक्षा विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। इन सबके बीच जिले में एक शिक्षक ऐसे भी हैं जो चर्चा का विषय बने हुए है। शासकीय हाईस्कूल मिढली में पदस्थ इकलौते शिक्षक पंचम सिंह मरावी सुबह 10 बजे स्कूल पहुंच जाते हैं और स्कूल का ताला खोलने के बाद स्कूल परिसर व क्लासरूम में झाडू लगाने के साथ साफ सफाई करते हैं और अपने हाथों से 10.20 बजे घंटी बजाते हैं। घंटी की आवाज सुनते ही छात्रों का स्कूल आने का सिलसिला शुरू होता है। इसके ठीक बाद पंचम सिंह बतौर शिक्षक नवमी और दसवीं के छात्रों को अकेले ही सभी विषयों की पढाई भी कराते हैं। इसके अलावा बच्चों का प्रवेश सबंधित पूरा काम, स्कूल नहीं आने वाले छात्रों को घर-घर जाकर लाने का काम भी पंचम सिंह करते हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति, साप्ताहिक व मासिक बैठकों में भी वह शामिल होते हैं। इस दौरान शिक्षक की गैर मौजूदगी में छात्रों को खुद ही पढाई करना पड़ता है। शिक्षक पंचम सिंह ने बताया की पिछले शिक्षण सत्र तक स्कूल में दो शिक्षक थे, तब किसी तरह ठीक से स्कूल का संचालन हो जाता था, लेकिन इस वर्ष वह अकेले रह गए हैं और उनके एक हाथ में दर्द भी बना रहता है। इसके बाद भी वह पूरी ईमानदारी से अकेले दम पर स्कूल का संचालन कर रहे हैं। दसवीं कक्षा की छात्राओं ने बताया की बोर्ड एग्जॉम है और सभी विषयों की पढ़ाई एक ही शिक्षक करा रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपने परिणाम की चिंता भी अभी से सताने लगी है। छात्राओं ने स्कूल में अन्य शिक्षकों की पदस्थापना की मांग की है।