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बाल विवाह रोकने पंडित व मौलवियों को दी जा रही सख्त हिदायत

देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने प्रशासन ने शुरु की तैयारियां

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Strict instructions are being given to pundits and maulvis to stop child marriage

Strict instructions are being given to pundits and maulvis to stop child marriage

डिंडौरी. जिले में देवउठनी एकादशी पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। है। ऐसे आयोजनों पर अंकुश लगाने जहां लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं कार्यक्रमों में सेवाएं देने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यावसायी, बैंड बाजा, कैटर्स संचालकों, के अलावा पंडित, मौलवियों को भी सख्त संदेश दिया जा रहा है।
आयोजन में कार्यरत सभी व्यक्तियों पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने कहा है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह निश्चित कर लें कि कहीं वर-वधू निर्धारित आयु से कम के तो नहीं है। यदि ऐसा पाया गया तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजन में कार्यरत सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्याम सिंगौर ने बताया कि 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बाल विवाह की आशंका रहती है।
दो वर्ष का कारवास व एक लाख रुपए का होगा जुर्माना
बाल विवाह कानूनी अपराध है, इस पर 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। प्रशासन ने नागरिकों से बाल विवाह की सूचना देने कहा है। सूचना देने वाले रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोगों का नाम पूर्णत: गोपनीय रखा जाएगा। इस तरह की शिकायत चाइल्ड लाइन नंबर 1098 के अलावा वन स्टॉप सेंटर के हेल्पलाईन नंबर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डिंडौरी, परियोजना अधिकारी डिंडौरी, परियोजना अधिकारी बजाग, परियोजना अधिकारी शहपुरा, परियोजना अधिकारी समनापुर, परियोजना अधिकारी करंजिया, परियोजना अधिकारी मेंहदवानी, परियोजना अधिकारी अमरपुर के मोबाइल नंबर पर शिकायत की जा सकती है।