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सडक़ के लिए ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी, बरसात में होती है अधिक समस्या

गांव की स्थिति विकास से कोसों दूर, उदासीनता पर उठाए गए सवालडिंडौरी. करंजिया के चंदुवान टोला में सडक़ की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां के ग्रामीण आज भी पक्की से वंचित है। गांव को जोडऩे वाली यह प्रमुख कच्ची सडक़ अब ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। खासकर बरसात के […]

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गांव की स्थिति विकास से कोसों दूर, उदासीनता पर उठाए गए सवाल
डिंडौरी. करंजिया के चंदुवान टोला में सडक़ की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां के ग्रामीण आज भी पक्की से वंचित है। गांव को जोडऩे वाली यह प्रमुख कच्ची सडक़ अब ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। खासकर बरसात के मौसम में यह रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि इस समस्या से न केवल रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। गांव की शांति बाई पन्द्रों बताती हैं कि इस सडक़ की हालत बरसात में और भी खराब हो जाती है। सडक़ में इतने गड्ढे हैं कि चलना मुश्किल होता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और मरीजों को समय पर अस्पताल ले जाना भी चुनौती बन जाता है। नूतन प्रसाद यादव ने बताया यह सडक़ चंदूवान टोला को मुख्य मार्ग से जोड़ती है, लेकिन बारिश के समय यह पूरी तरह दलदल में तब्दील हो जाती है। मरीजों के लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में मरीजों की हालत और खराब हो जाती है। इसी प्रकार गांव की सुसकी बाइ, पांचवती यादव, गौतम लाल यादव, जय सिंह पेन्द्रों, ललित यादव, गौरी बाई यादव और दीपक यादव ने प्रशासान से मांग कि चंदूवान टोला से मुख्य मार्ग तक जल्द से जल्द पक्की सडक़ बनाई जाए, जिससे ग्रामीणों को सुविधा मिल सके। चंदूवान टोला में अभी भी कई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। सडक़ के अभाव में न केवल आवागमन प्रभावित हो रहा बल्कि गांव का आर्थिक और सामाजिक विकास भी ठहर गया है। किसान अपनी उपज समय पर मंडी तक नहीं पहुंचा पाते। व्यापारियों को गांव तक सामान लाने में परेशानी होती है। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी हर दिन जोखिम उठाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत और जनप्रतिनिधियों से सडक़ निमार्ण को लेकर मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि चुनावों के समय नेता वोट मांगने तो आते हैं, पर समस्या का हल करने की जिम्मेदारी कोई नहीं उठाता। इस बार सडक़ निर्माण की मांग को लेकर पंचायत और प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे। अगर फिर भी कुछ नहीं हुआ, तो आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।