5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Health News: साधारण सी दिखने वाली खर्राटे की परेशानी बन सकती है बड़ी मुसीबत

Health News: अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि खर्राटे सिर्फ पुरुषों को आते है महिलाओ को नहीं, जबकि इस बात में बिलकुल भी सचाई नहीं है। खर्राटे की समस्या किसी को भी हो सकती हैं। ज्यादा थकान होने पर भी लोग खर्राटे लेना शुरू कर देते हैं।

2 min read
Google source verification

image

Deovrat Singh

Sep 24, 2021

health news

Health News: अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि खर्राटे सिर्फ पुरुषों को आते है महिलाओ को नहीं, जबकि इस बात में बिलकुल भी सचाई नहीं है। खर्राटे की समस्या किसी को भी हो सकती हैं। ज्यादा थकान होने पर भी लोग खर्राटे लेना शुरू कर देते हैं।

कहते है कि गले का पिछला हिस्सा संकरा हो जाने पर जब ऑक्सीजन उस रास्ते से होकर जाती है तब आस-पास के टिश्यू कंपन करने लग जाते हैं, यही वजह है कि इंसान खर्राटे लेने लगता है। खर्राटे लेना साधारण सी परेशानी है लेकिन जब यह बीमारी का रूप ले लेती है तो गंभीर समस्या बन जाती है।

Read More: आयुर्वेद में मालिश का विशेष महत्व, धूप में करने से हड्डियां होती हैं मजबूत

क्यों आते हैं खर्राटे
ज्यादातर लोगों को लगता है कि खर्राटे आने की वजह ज्यादा थकान है इसलिए वे इसे अनदेखा कर देते हैं। दरअसल सोते समय सांस में रुकावट खर्राटे आने की मुख्य वजह है। गले के पिछले हिस्से के संकरे हो जाने पर ऑक्सीजन संकरी जगह से होती हुई जाती है, जिससे आसपास के टिशू वाइब्रेट होते हैं। इसी से खर्राटे आते हैं।

कई बार लोग पीठ के बल सोते हैं, जिससे जीभ पीछे की तरफ जाकर लग जाती है, जिससे सांस लेने और छोडऩे में रुकावट आने लग जाती है। इससे सांस के साथ आवाज और वाइब्रेशन होने लगता है।

Read More: चिकित्सक की सलाह के बिना न लें कोई भी दवा, सही तरीका और समय की जानकारी होना भी बेहद जरुरी

नीचे वाले जबड़े का छोटा होना भी खर्राटे आने का एक कारण है। जब व्यक्ति का जबड़ा सामान्य से छोटा होता है तो लेटने पर उसकी जीभ पीछे की तरफ हो जाती है और सांस की नली को ब्लॉक कर देती है। ऐसे में सांस लेने और छोडऩे के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है, जिस कारण वाइब्रेशन होता है।

नाक की हड्डी टेढ़ी होने या मांस बढऩे से भी सांस लेने के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है और सांस के साथ आवाज आती है। ज्यादा वजन बढऩे से गर्दन पर मांस लटकने लगता है। एक्स्ट्रा मांस से सांस की नली दब जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

Read More: पेशाब में जलन दूर करने के साथ ही शरीर को ठंडक पहुंचता है गोंद कतीरा