आयुष मंत्रालय के अनुसार, तीन तरह के फार्मूले आयुर्वेद के लिए आयुष क्वाथ, सिद्ध के लिए आयुष कुडीनीर तथा यूनानी के लिए आयुष जोशांदा के निर्माण का सुझाव दवा कंपनियों को दिया है। यह पाउडर और टैबलेट दोनों रुपों में होगा। इसके लिए औषधि व प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
इस फैसले के बाद एमिल फार्मास्युटिकल ने आयुष क्वाथ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी के एमडी केके शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी में पारंपरिक चिकित्सा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मंत्रालय से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आयुष क्वाथ को बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में आयुष चिकित्सा की अहम भूमिका पर चर्चा की थी। इससे पहले बीते 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए कोरोना की इस लड़ाई को जीतने पर जोर दिया था।