
सोराइसिस रोग शरीर के डीएनए में खराबी होने से होता है। इस बीमारी में शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और उनमें सफेद पपड़ी आने लगती है।
सोराइसिस क्या है ?
सोराइसिस रोग (लाल चकत्ते) शरीर के डीएनए में खराबी होने से होता है। इस बीमारी में शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और उनमें सफेद पपड़ी आने लगती है।
सोराइसिस क्यों होता है ?
सोराइसिस एक आनुवांशिक बीमारी है जो सर्दी में बढ़ती है। यह समस्या मानसिक तनाव, शराब एवं धूम्रपान करने, दर्द व मलेरिया की दवाइयां और शरीर में कैल्शियम की कमी से बढ़ जाती है।
क्या सोराइसिस एक गंभीर बीमारी है ?
सोराइसिस रोगी को तोड़ देती है क्योंकि यह बार-बार होती है। इससे रोगी हीन भावना से ग्रसित हो जाता है। यह समस्या जोड़ों में तकलीफ को भी बढ़ा देती है । इससे शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी बढ़ती है इस कारण हृदय रोग होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
सोराइसिस का इलाज संभव है ?
शराब, धूम्रपान एवं दर्द की दवाइयां कम लेने और तनाव को कम करके इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर की देखरेख में दवा लेने से यह कंट्रोल में रहता है। इसके इलाज के लिए मरीज को हफ्ते में दो बार डॉक्टर को दिखाना होता है और लगभग 30-50 सिटिंग लेनी होती हैं। ट्रीटमेंट के दौरान रोगी को मशीन के सामने बिठाकर 'अल्ट्रावॉयलेट ए' और 'अल्ट्रावॉयलेट बी' किरणें दी जाती हैं। ये किरणें के्रटीनोसाइट (सोराइसिस के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं) की बढ़ोतरी को रोक देती हैं, इसे पूवा थैरेपी कहते हैं।
सोराइसिस से बचाव कैसे करें ?
सोराइसिस से बचाव के लिए त्वचा रूखी न होने दें। रोजाना तेल या पैराफिन की शरीर पर मालिश करें। शराब और धूम्रपान न करें। तनाव कम करने के साथ-साथ व्यायाम करें। इसमें सर्दी से भी बचाव करना चाहिए।
Published on:
30 Nov 2018 04:53 pm
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