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खाना ज्यादा या कम कर दिया है तो पड़ सकते हैं परेशानी में

बहुत अधिक खाना या अचानक खाना बंद कर देना मेडिकल साइंस की भाषा में ईटिंग डिसऑर्डर कहलाता है।

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eating disorder, health problem

बहुत अधिक खाना या अचानक खाना बंद कर देना एक मानसिक रोग हो सकता है। इसे मेडिकल साइंस की भाषा में ईटिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। इसमें रोगी के खाने का तरीका पूरी तरह असामान्य हो जाता है जिसका उसके शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कोई व्यक्ति अचानक से बहुत अधिक खाना खाने लगे या अचानक से खाना कम कर दे या डाइटिंग करना शुरू कर दे तो ये मानसिक रोग का लक्षण हो सकता है। कभी बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्ति को लगने लगता है कि वह बहुत मोटा हो गया है तो कभी वह खुद को बहुत कमजोर या पतला मानने लगता है, जिस वजह से वह अपने खानपान के तौर-तरीकों में बिना किसी डॉक्टरी सलाह के बदलाव करता है और मानसिक परेशानी से गुजरने लगता है।

एनोरेक्सिया नर्वोसा खतरनाक बीमारी

एनोरेक्सिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर से जुड़ी एक मानसिक परेशानी है। रोगी को लगता है कि उसका वजन बढ़ गया है। इसको लेकर वह चिंतित रहता है। इस भ्रम में वह अपने वजन और मोटापे को नियंत्रित करने के लिए अचानक एक्सरसाइज शुरू कर देता है। गंभीर परिस्थिति में रोगी परिजनों को हैरान करने वाले स्तर तक व्यायाम करने लगता है। कुछ मामलों में रोगी जब बहुत अधिक खाना खा लेता है तो उसे लगता है कि इससे उसका वजन बढ़ जाएगा और उल्टियां करने की कोशिश करता है। इससे भी उसे मानसिक संतुष्टि नहीं मिलती है तो दस्त की दवाएं लेने लगता है, जिससे खाना बाहर निकल जाए। ऐसी तकलीफ से गुजरने के बाद रोगी का वजन करीब 15 फीसदी तक कम हो जाता है। रोगी हीनभावना से ग्रसित हो जाता है और उसके भीतर नकारात्मक विचार आने लगते हैं।

युवावस्था में भी होती यह बीमारी

ईटिंग डिसऑर्डर युवावस्था की समस्या भी हो सकती है। लड़कियों में इस वजह से माहवारी में अनियमितता की आशंका रहती है। इसके साथ ही इस उम्र के दूसरे लोगों में चिड़चिड़ापन, स्वभाव में बदलाव, गुस्सा करना, थकान महसूस करना, भूख न लगना जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में समय रहते इलाज कराया जाए तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।

डॉ. विजय चौधरी, कंसलटेंट मनोचिकित्सक, एसएमएस, जयपुर

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