
Control Diabetes with Yoga : डायबिटीज होने के सटीक कारण या कारणों का अभी तक पता नहीं लग पाया है पर ऐसे कुछ कारक हैं, जो इस बीमारी का कारण बनते हैं। वे हैं आनुवांशिकता, मोटापा, उम्र, ऑटो इम्युनिटी।आनुवांशिकताअगर किसी के माता-पिता या परिवार में यह रोग है, तो उस व्यक्ति को डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी एक पैरेंट के यह बीमारी है तो आशंका 25 फीसदी बढ़ जाती है और अगर दोनों को यह रोग हो तो आशंका बढ़कर 50 फीसदी हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।मोटापायह डायबिटीज टाइप -2 होने का एक प्रमुख कारण है। इससे होने वाली शुगर की बीमारी को डायबिटीज कहते हैं।

उम्रयह रोग ज्यादातर ओल्ड ऐज में होता है। 50 -60 साल के उम्र के लोगों में इस रोग के होने की संभावना अधिक होती है।ऑटोइम्युनिटीयह उस बीमारी की अवस्था को बोलते हैं। जब कोशिकाएं हमारे शरीर के अंगो पर प्रहार करने लग जाती हैं। इम्यून सेल्स पैंक्रियाज को नष्ट कर देती हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि ये क्रोनिक स्ट्रेस के कारण होता है। मानसिक और भावनात्मक तनाव हमारे ब्लड शुगर को बढ़ा देते हैं। इससे इंसुलिन की मांग बढ़ जाती है।

धनुरासन करने की विधिधनुर का अर्थ है धनुष। इस आसन को साधने पर शरीर की आकृति खिंचे हुए धनुष के समान बन जाती है।पेट के बल लेट जाएं। हाथों को दोनों ओर सीधा रखें। दोनों पैरों को घुटने से मोड़ लें।दोनों एड़ियों को नितम्बों से सटाएं। अब दोनों टखनों को दोनों हाथों से पकड़ें। हाथों को सीधा रखते हुए पैरों को खींचें और नितम्बों से ऊपर ले जाएं।उसी समय जांघों के साथ सिर और छाती को भी जितना ऊपर ले जा सकें, ले जाने का प्रयास करें। इस अवस्था में श्वास लेते रहें और 5 सेकंड रुकें। फिर वापस आ जाएं।

धनुरासन के लाभइससे पैन्क्रियाज पर दबाव बनता है। ऐसा माना जाता है कि इससे पैन्क्रियाज के ऊतक एक्टिव हो जाते हैं। यह रीढ़ को फ्लेक्सिबल बनाता है। यह कब्ज को दूर करता है।सावधानियां - हृदय व रक्तचाप वाले रोगी, हर्निया व पेप्टिक अल्सर वाले न करें। वैसे इस आसन को योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए।अतुल व्याससेलिब्रिटी योग प्रशिक्षक