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Coronavirus Update: छींकने, खांसने से नहीं, सांस लेने से भी फैल सकता है काेराेनावायरस

Coronavirus Update: कोरोनोवायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच हाल में, एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी वैज्ञानिक पैनल ने कोविड-19 के केवल सांस लेने और बात करने के माध्यम से फैलने के संकेत दिए हैं। पैनल ने कहा कि यह वायरस वायुजनित है और लोगों के बीच आसानी से लगातार फैल रहा है...

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Coronavirus Update: Covid-19 can spread through breathing, talking

Coronavirus Update: छींकने, खांसने से नहीं, सांस लेने से भी फैल सकता है काेराेनावायरस

Coronavirus Update In Hindi: कोरोनोवायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच हाल में, एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी वैज्ञानिक पैनल ने कोविड-19 के केवल सांस लेने और बात करने के माध्यम से फैलने के संकेत दिए हैं। पैनल ने कहा कि यह वायरस वायुजनित है और लोगों के बीच आसानी से लगातार फैल रहा है। वैज्ञानिकों ने कहा कि लोगों के सांस छोड़ते समय पैदा होने वाली अल्ट्राफाइन धुंध में वायरस मौजूद बना रहता है।

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नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन की स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ हार्वे फाइनबर्ग ने एक पत्र जारी कर कहा है कि वर्तमान में विशिष्ट शोध सीमित है, और उपलब्ध अध्ययनों के परिणाम सामान्य श्वास से वायरस फैलने की पुष्टि करते हैं।

एक वायरोलॉजिस्ट ने कहा कि अब यह समझा सकता है कि वायरस इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है, और बीमारी के स्पर्शोन्मुख प्रसार को देखते हुए, इस रोग को रोकने के लिए सोशल आइसोलेशन और लॉकडाउन कितना महत्वपूर्ण है।

भारत जैसे देशाें काे ज्यादा खतरा
एयरबोर्न वायरस और बैक्टीरिया, विशेष रूप से भारत जैसे अत्यधिक आबादी वाले देशों के लिए अधिक संक्रामक और चिंताजनक हैं, जहां मुंबई में धारावी जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में इसका प्रकोप शुरू हो चुका है। भारत में अब तक कोविड-19 के 2,600 मामले मिले और जिसमें से 70 की मौत हुई।

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मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक संक्रामक
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में एमेरिटस के प्रोफेसर डॉ जैकब जॉन ने कहा कि जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है वह खसरा या तपेदिक जीवाणु की तरह संक्रामक नहीं है, लेकिन मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक संक्रामक है।

गौरतलब है कि कोरोनावायरस को लेकर वैज्ञानिकों के अब तक किए गए अध्ययनों में यही बात कही जा रही थी कि कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार भी, संक्रमण तब फैलता है जब ये बूंदें दो मीटर के दायरे में लोगों द्वारा अंदर खींची जाती हैं। इसके अलावा संक्रमित जगहों को छूने बाद, अपने मुंह, नाक और आंखों को छूना संक्रमण का संचरण कर सकता है।

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मास्क से बचाव संभव
नए शोध ने वैज्ञानिकों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वास्तव में सांस लेने से या बात करने से भी कोरोनावायरस का संचरण हो सकता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का अभी ये कहना है कि इस तरह का वायरस संचरण कुछ विशेष परिस्थितियों में ही संभव है। जैसे एक जगह कई संक्रमित लोगों का उपस्थित होना इस तरह के संक्रमण की संभावना बढ़ा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किसी भी तरह से वायरस के संचरण को रोकने के लिए मास्क पहनने की जरूरत पर जोर दिया है।