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Covid-19 से मुकाबले के लिए बीसीजी के बाद अब इस टीके का क्लीनिकल ट्रायल होगा शुरू

Coronavirus Update: टेक्सास ए एंड एम क्लीनिकल ट्रायल में पहला अमेरिकी संस्थान है जिसे मनुष्यों पर परीक्षण के लिए संघीय मंजूरी हासिल है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि बेसिलस कैलमेट-गुएरिन या बीसीजी कोरोना वायरस के प्रभावों को कम करता है। इससे कोविड-19 से कम संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे या कम संख्या में लोगों की मौत होगी

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Coronavirus Update:TB vaccine blunt devastating effects of Covid-19

Covid-19 से मुकाबले के लिए बीसीजी के बाद अब इस टीके का क्लीनिकल ट्रायल होगा शुरू

coronavirus Update: कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक पूरजोर प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में अमेरिका के टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता सैकड़ों चिकित्साकर्मियों को व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले तपेदिक यानि टीबी के टीके के ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के चौथे चरण में भाग लेने के लिए कह रहे हैं। इस टीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और कोविड-19 के खतरनाक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

टेक्सास ए एंड एम क्लीनिकल ट्रायल में पहला अमेरिकी संस्थान है जिसे मनुष्यों पर परीक्षण के लिए संघीय मंजूरी हासिल है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि बेसिलस कैलमेट-गुएरिन या बीसीजी कोरोना वायरस के प्रभावों को कम करता है। इससे कोविड-19 से कम संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे या कम संख्या में लोगों की मौत होगी।

विश्वविद्यालय ने कहा कि शोधकर्ता वैक्सीन का किसी और रोग के इलाज में अनुमति मांग रहे हैं। इसका उपयोग मूत्राशय के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है। बीसीजी केवल छह महीनों में कोविड-19 से मुकाबले के वास्ते व्यापक रूप से उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकता है, क्योंकि यह पहले से ही अन्य उपयोगों के लिए सुरक्षित है।

‘टेक्सास ए एंड एम हेल्थ साइंस सेंटर’ में माइक्रोबियल और पेथोजेनेसिस एवं इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. जेफरी डी सिरिलो ने कहा, ‘‘अगले दो- तीन वर्षों में यह एक बड़ा अंतर ला सकता है, जबकि कोविड-19 के लिए एक खास टीके का विकास किया जा रहा है।’’

सिरिलो ने कहा कि बीसीजी का मतलब कोरोना वायरस का इलाज करना नहीं है बल्कि एक टीका विकसित होने तक उस अंतराल को भरना है ताकि हमें टीका विकसित करने में समय मिल जाए।’’ क्लीनिकल ट्रायल इस सप्ताह शुरू होना है और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों पर इसका परीक्षण होगा।

उन्होंने कहा कि यह टीका आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की योग्यता रखता है। कोरोना वायरस दुनियाभर में अपना प्रकोप दिखा रहा है और शोधकर्ताओं ने गौर किया है कि भारत सहित कुछ विकासशील देशों में मृत्यु दर कम है, जहां व्यापक रूप से बीसीजी टीके का उपयोग किया जाता है।