जर्नल साइंस एडवांसेस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि CRADLE ( कंप्यूटर असिस्टेड डिटेक्टर लेउकोकिया ) नाम के ऐप ने रेटिना से ल्यूकोकोरिया (सफेद आंख) के असामान्य प्रतिबिंबों के निशान खोजे हैं जो रेटिनोब्लास्टोमा ( Retinoblastoma ) सहित कई नेत्र रोगों का एक प्राथमिक लक्षण है।
बायलर यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने ऐप को क्लिनिकल ल्यूकोकोरिया की स्क्रीन करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में देखा है। इस एप की मदद से माता-पिता अपने बच्चों की आंखाें का आसानी परीक्षण कर सकते हैं।
वैज्ञानिकाें ने ऐप का इस्तेमाल कर बच्चों की 50,000 से अधिक तस्वीरों का विश्लेषण किया। और देखा कि ल्यूकोकोरिया जैसे नेत्र विकार से पीड़ित 80 प्रतिशत बच्चाें को डिटेक्ट करने में CRADLE सफल रहा।
अध्ययन में कहा गया है कि ऐप ने उन तस्वीरों में ल्यूकोकोरिया का पता लगाया जो बच्चाें की क्लिनिकल जांच से औसतन 1.3 साल पहले क्लिक की गई थी। गाेल्ड स्टेण्ड्र मानक
अध्ययन के लेखक मिचेल मुनसन ने कहा कि सामान्य शारीरिक परीक्षा ल्यूकोकोरिया के माध्यम से रेटिनोब्लास्टोमा का पता लगाने के केवल 8 प्रतिशत मामलों में सफल होती है। दो साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए CRADLE की संवेदनशीलता 80 प्रतिशत से अधिक है- जाे नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा उपयाेग किए जाने वाले उपकरणों के लिए संवेदनशीलता का ‘गाेल्ड स्टेण्ड्र मानक’ माना जाता है।
अध्ययन के सह-लेखक ब्रायन एफ शॉ ने कहा कि हम ल्यूकोकोरिया ( Leukocoria ) के सभी गुणों और तीव्रता का पता लगाने में सक्षम होना चाहते थे। रेटिनोब्लास्टोमा वाले एक बच्चे के माता-पिता के रूप में, मैं विशेष रूप से ल्यूकोकोरिया के निशान का पता लगाने में रुचि रखता हूं जो ‘ग्रे’ पुतली के रूप में दिखाई देते हैं और सामान्य ताैर पर देखने से पता नहीं चलते हैं।
शॉ ने कहा ने कहा कि अब तक, माता-पिता और कुछ डॉक्टरों ने एप का उपयोग मोतियाबिंद, माइलिन रेटिना तंत्रिका फाइबर परत, अपवर्तक त्रुटि, कोट की बीमारी और निश्चित रूप से रेटिनोबलास्टोमा का पता लगाने के लिए किया है।