
सिर में लगातार होने वाला दर्द इन बीमारियों का है इशारा, जानिए वजह और बचाव के तरीके
सिर में दर्द समान्यत: कभी न कभी सभी को होता है, लेकिन जब ये दर्द आपके रोज की जिंदगी का हिस्सा बन जाए तो इसे किसी भी हालत में इग्नोर न करें। कई बार सिर का दर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत होता है और कई दफा ये खुद ही एक बीमारी होती है। सिर में दर्द के आधार पर आप इसके कारण को पहचान सकते हैं। सिर में दर्द कई तरह से होता है और ये दर्द अलग-अलग होने के पीछे कारण भी अलग-अलग होता है। तो चलिए आज आपको सिर दर्द के आधार पर बताएं कि उसके होने की वजह क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की सिर में दर्द को 150 तरीके का बताया गया है। ये दर्द सिर में होने के स्थान से लेकर लक्षण और उसकी तीव्रता पर तय किए जाते हैं। यहां आपको हम उन आम सिरदर्द के बारे में बताएंगे जिससे अमूमन हर तीसरा या चौथा व्यक्ति जूझ रहा है।
टेंशन से होने वाला दर्द (tension headache)
टेंशन से होना वाल सिर दर्द अधिकतर सिर के नीचले हिस्से यानी गर्दन से ठीक ऊपर होता है। इस दर्द की शुरुआत सिर में भारीपन से होती है। कंधे और गले में भी अकड़न महसूस होना भी इसका ही लक्षण होता है। कई बार ये दर्द केवल माथे और आंख तक ही सीमित रहता है।
आंख की खराबी से होने वाला दर्द (eye headache)
अगर आंखों का पावर बढ़ रहा तो आंखों का दर्द सिर में भी पहुंचता है। लगातार आंखों मे ंदर्द के साथ माथे में दर्द बना रहे तो आंखों की खराबी का संकेत है। ये दर्द आराम करने या मालिश से सही होता है।
साइनस सिर दर्द (sinus headache)
साइनस का दर्द लगातार और तेज होता है। नाक के पास शुरू होते हुए ये पूरे माथे में फैलता है। इसके बाद सिर दर्द होता है। माथे में पाए जाने वाली कैविटी (साइनस) में सूजन आने के कारण होता है. दर्द के साथ पीड़ित की नाक बहना, कान बंद होना, बुखार और चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। साइनर के मरीज को माथे में कफ फंसे होने का भी अहसास होता है।
माइग्रेन (Migraine)
माइग्रेन यानी सिर के आधे हिस्से में होने वाला तीव्र अहसनीय दर्द। ये दर्द कुछ घंटो से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। अपनी साइकिल पूरी करने के बाद ये दर्द अपने आप सही हो जाता है। सिर के एक हिस्से के साथ आंख और माथे में ये दर्द महीने में कई बार होता है। कई बार ये दर्द कंधे और जबड़े तक पहुंच जाता है। दर्द की तीव्रता और अटैक आना व्यक्ति पर निभर करता है। इसके कुछ और दूसरे लक्षण भी हैं. जैसे रोशनी/ लाइट से परेशानी होना, तेज आवाज से तकलीफ बढ़ना, उल्टी आना, जी-घबराना, भूख खत्म होना, पेट खराब होना, पेट दर्द आदि भी शामिल हैं।
क्लस्टर सर दर्द (cluster headache)
इस सिर दर्द को क्लस्टर इसलिए बोलते हैं क्योंकि ये एक दिन में कई बारहोता है। ये दर्द गंभीर और तेज होता है। इसमें पीड़ित को आंखों के आस-पास जलन और कील चुभने जैसा एहसास होता है। आंखें सूखना, आंख लाल होना, आंख की पुतली का छोटा होना या आंखों से लगातार आंसू आते रहने जैसे लक्षण होते है। ये दर्द जिस तरफ होता है, उस तरफ की नोस्ट्रिल में सूखापन महसूस होता है और ये 2 हफ्ते से 3 महीने तक हो सकता है।
पोस्ट ट्रॉमेटिक सिर दर्द (post traumatic headache)
ये दर्द किसी तरह की चोट लगने के बाद होने वाला दर्द है। ऐसा दर्द चोट लगने के दो तीन दिन बाद उभर सकता है। इसमें दर्द के दौरान भूलने की बीमारी देखी जाती है। थकान, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी जैसी दिक्कतें भी इसका लक्षण हैं। ये सिर दर्द आम तौर पर कुछ हफ्ते तक हो सकता है लेकिन ज्यादा समय तक रहने पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
ब्रेन ट्यूमर का दर्द (brain tumor pain)
हमेशा सिरदर्द बने रहना, उल्टी आना, अचानक आखों में धुंधलापन आना और शरीर के किसी भाग में कमजाेरी फील हो रही है तो इसे हल्के में नहीं लोना चाहिए। ये ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)
सोते-सोते होने वाला सिर दर्द
अगर सोते -सोते या सुबह उठते ही सिर में दर्द होने लगे तो समझ लें कि ये दर्द आपके खानपान से जुड़ा होता है। रात में खाकर तुरंत सोने की आतद से गैस और एसिडिटी की समस्या होती है और यही कारण है कि सोते-सोते सिर में दर्द होने लगता है। इस दर्द में लेटने पर दर्द बढ़ता है, जबकि खड़े होने पर ये दर्द कम होता है। कई बार सिर के हिलने तक पर दर्द बढ़ जाता है। ये दर्द सिर के ऊपर हिस्से से माथे तक में होता है।
सिर दर्द के घरेलू नुस्खे
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)
Updated on:
27 Mar 2022 11:28 am
Published on:
27 Mar 2022 09:34 am
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