
First Aid
अक्सर आपने देखा होगा कि कई बार कुछ ऐसी स्थितियां हो जाती हैं कि व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है, लेकिन मौके पर यदि प्राथमिक उपचार भी न मिले तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में फर्स्ट एड के तरीके अवश्य आने चाहिए ताकि अस्पताल पहुंचने तक उसकी स्थिति गंभीर न हो। यहां कुछ ऐसी स्थितियों और उनके प्राथमिक उपचार के बारे में बताया जा रहा है- जब आप ऐसी किसी परिस्थिति का सामना करें तो घबराएं नहीं, फस्र्ट एड कैसे देनी है उसके लिए तैयार रहें।
किसी को हार्ट अटैक आए तो क्या करें
यदि कोई दिल का दौरा पडऩे से अचानक बैठे-बैठे गिर पड़े तो ऐसी स्थिति में तत्काल सीपीआर दिया जाना चाहिए। सीपीआर हार्ट अटैक के बाद रोगी की जान बचाने के लिए एक कारगर उपाय है। वहीं यदि किसी व्यक्ति को घबराहट हो रही है और सीने में दर्द की यदि वह शिकायत कर रहा है तो ऐसी स्थिति में उसे एस्प्रीन दें। उसके बाद तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। एस्प्रीन इस समय धमनियों में ब्लॉकेज बनने की प्रक्रिया को बेहद धीमा कर देती है जिससे रोगी को गंभीर संकट से बचाया जा सकता है। ध्यान रहे कि हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। उन्हें नजरअंदाज न करें।
जब बच्चे के गले में कुछ अटक जाए तो...
पहले यह सुनिश्चित करें कि यदि वह खांस रहा है या बात कर रहा है तो उसे रिलेक्स होने दें। लेकिन यदि सांस लेने में परेशानी हो तो पहले उससे दम घुटने के बारे में पूछें। यदि वह सिर हां में हिलाएं तो आप पैनिक न हों। पहले किसी को एंबुलेंस बुलाने के लिए कहें। फिर बच्चे के पीछे खड़े हो जाएं। अपनी बांहों को बच्चे के कमर के चारों ओर लपेटें। एक हाथ से मुट्ठी बनाएं, अंगूठा अंदर रखें। मुट्टी को बच्चे की छाती के ठीक नीचे और नाभि से थोड़ा ऊपर रखें। दूसरे हाथ से मुट्ठी पकड़ें। तेजी से ऊपर की ओर धक्का देकर पेट में दबाएं। यह टुकड़े को बाहर निकलने में मदद करेगा। दो-तीन बार दोहराएं। जब टुकड़ा बाहर निकल जाए तो डॉक्टर के पास बच्चे को ले जाएं।
बच्चा जब सिक्का निगल जाए...
इस स्थिति में उसे आगे की तरफ झुकाएं। एक हाथ से उसका सीना दबाएं और दूसरे हाथ से पीठ थपथपाएं। ऐसा 4-5 बार करें। सिक्का बाहर निकल आएगा। यदि फिर भी न निकले और बच्चे को तेज खांसी आ रही हो तो ऐसे में उसे खांसने दें, कफ बनने के साथ सिक्का बाहर निकल आएगा। बाद में डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।
जब किसी को मिर्गी का दौरा आ जाए तो...
फिजिशियन, डॉ. सुरभि गोयल के अनुसार, मिर्गी के रोगी को करवट दिलाएं, उसके बाद उसके कपड़े ढीले कर दें। मुंह से झाग आएं तो उन्हें साफ कर दें। उसके मुंह में पानी न डालें। दांत किटकिटाएं तो मुंह में कपड़ा न डालें। नुकीली चीज यदि आसपास है तो उसे हटा दें और डॉक्टर से सम्पर्क करें।
Updated on:
29 Jun 2023 05:55 pm
Published on:
29 Jun 2023 05:46 pm
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