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जलने पर भूलकर भी ना करें ये गलती, नहीं तो हो सकता है नुकसानदायक

अक्सर रसोई में काम करते समय गर्म बर्तन लग जाने या बिजली का झटका लगने से जल जाने जैसी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। त्वचा का जलना गंभीर चोटों में से है। इन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। यदि आपके आसपास भी किसी के साथ ऐसी कोई दुर्घटना होती है और उसे तुरंत फस्र्ट एड मिल जाए तो पीडि़त को काफी हद तक राहत मिल सकती है। बर्न के मरीज को आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार देना बेहतर उपाय है। जानिए बर्न के मरीज को कैसे फस्र्ट एड दें।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Sep 12, 2023

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अक्सर रसोई में काम करते समय गर्म बर्तन लग जाने या बिजली का झटका लगने से जल जाने जैसी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। त्वचा का जलना गंभीर चोटों में से है। इन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। यदि आपके आसपास भी किसी के साथ ऐसी कोई दुर्घटना होती है और उसे तुरंत फस्र्ट एड मिल जाए तो पीडि़त को काफी हद तक राहत मिल सकती है। बर्न के मरीज को आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार देना बेहतर उपाय है। जानिए बर्न के मरीज को कैसे फस्र्ट एड दें।

जब हाथ पर गर्म आंच लग जाए तो...
जले हुए स्थान को कम से कम 20 मिनट तक बहते ठंडे पानी के नीचे रखें। इससे दर्द, लालिमा और निशान पडऩे का खतरा कम हो जाएगा। जितनी जल्दी और लंबे समय तक जले हुए स्थान को ठंडे पानी में रखेंगे चोट का प्रभाव उतना ही कम होगा। ध्यान रहे जलने पर केवल ठंडा पानी ही उपयोग में लें। बर्फ का नहीं, यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है।

अगर कपड़े जले स्थान पर चिपके हों तो
जले में फंसे कपड़ों को हटाने की कोशिश न करें क्योंकि इससे घाव गहरा हो सकता है, क्योंकि कपड़ा हटाने से बर्न व अन्य टिशू खिंच सकते हैं। आप केवल उन कपड़ों को हटा सकते हैं जो जले स्थान के आसपास हैं और चिपके नहीं हैं।

जलने पर संक्रमण से बचाना हो तो...
जब शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो चिपकने वाली पट्टियों का उपयोग न करें क्योंकि वे त्वचा से चिपक जाएंगी और इससे त्वचा को नुकसान हो सकता है। संक्रमण से बचने के लिए इसे एक साफ प्लास्टिक बैग से ढक दें। चिकित्सक के पास इलाज के लिए अवश्य लेकर जाएं।

बिजली का झटका लगने पर...
यदि आप बिजली के झटके से दुर्घटना का सामना करते हैं तो तुरंत स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।
व्यक्ति को सीधे स्पर्श न करें, क्योंकि वह अब भी विद्युत प्रवाह के संपर्क में हो सकता है।
फ्यूज बॉक्स के माध्यम से बिजली बंद करें और घायल व्यक्ति को विद्युत प्रवाह के स्रोत से अलग करें।

घायल व्यक्ति बेहोश हो गया है और सांस नहीं ले पा रहा तो सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिसेसिटेशन) करें। सही तरह से सीपीआर देने के प्रक्रिया का आना बेहद आवश्यक है। जिन्हें यह आता हो, उसकी मदद लें।
घायल व्यक्ति के खून बह रहा है या झटके से गिरने से फ्रेक्चर भी हो सकता है।