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Health News: दर्द निवारक दवाओं का बिना चिकित्सक की सलाह के न करें सेवन, हो सकती है अल्सर की समस्या

Published: Aug 12, 2021 11:07:22 pm

Submitted by:

Deovrat Singh

Health News: शोधार्थियों के अनुसार सूजन व दर्द दूूर करने वाली दवाएं दर्द की समस्या में काफी कम राहत देती हैं।

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Health News: कुछ दर्द निवारक दवाएं एक से ज्यादा बार लेने से इनका प्रभाव कम होने के साथ साइडइफैक्ट ज्यादा होता है। जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हैल्थ, ऑस्ट्रेलिया में हुए शोध के मुताबिक कुछ सामान्य पेनकिलर जैसे आईबू्रप्रोफेन लेने से पीठदर्द में कम राहत मिलती है और पेट में अल्सर व ब्लीडिंग का खतरा बढ़ाती है। शोधार्थियों के अनुसार सूजन व दर्द दूूर करने वाली दवाएं दर्द की समस्या में काफी कम राहत देती हैं। शोध के दौरान अधिक दवा लेने वालेे मरीजों में पेट से जुड़ी दिक्कतें अधिक सामने आईं। वैज्ञानिकों ने एक्सरसाइज कर दर्द दूर करना ही बेहतर माना है।

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ब्लड टैस्ट बताता गले का कैंसर
अमरीका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रो. मैथ्यू ई.स्पेक्टर का दावा है कि ब्लड सीरम टैस्ट से गले के कैंसर का पता लगाया जा सकता है। यह टैस्ट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के दो एंटीबॉडीज ई-6 व ई-7 के लिए होता है। एंटीबॉडीज ई-7 का स्तर बढ़ा मिलना गले के कैंसर की आशंका जताता है। यह कैंसर गले,टॉन्सिल व जीभ के पिछले हिस्से में होता है।

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विटामिन-ए की कमी,शिशु में अल्जाइमर
गर्भावस्था के दौरान मां में विटामिन-ए की कमी से नवजात में अल्जाइमर रोग की आशंका बढ़ जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में हुए शोध के मुताबिक गर्भावस्था में बच्चे के मस्तिष्क के विकास के दौरान विटामिन-ए खास भूमिका निभाता है। विटामिन-ए खास तरह के प्रोटीन के उत्पादन पर रोक लगाता है जो न्यूरॉन को नुकसान पहुंचाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन-ए की कमी से शिशु में कुछ भी सीखने और याददाश्त में कमी आती है। गर्भावस्था में इसकी कमी पूरी करने के लिए डाइट में गाजर, डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, ब्रोकली आदि ले सकती हैं।

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अनिद्रा से बढ़ता अस्थमा का खतरा
अनिद्रा से परेशान लोगों में अस्थमा का खतरा तीन गुना अधिक रहता है। नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में २० से ६५ वर्ष की उम्र के १७ हजार से अधिक लोगों पर हुए शोध के मुताबिक लगातार कई रातों तक नींद प्रभावित होने से सांस की नली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो अस्थमा का कारण बनता है। रोजाना ६ घंटे की नींद जरूरी है।

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