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ताली बजाकर और तलवों को रगड़कर खुद को रखिए रोग मुक्त

ताली बजाने व तलवों को नियमित रूप से पत्थर से रगड़ने से व्यक्ति खुद को रोगमुक्त रख सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Mar 09, 2019

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ताली बजाने व तलवों को नियमित रूप से पत्थर से रगड़ने से व्यक्ति खुद को रोगमुक्त रख सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

किसी भी खुशी और उत्साह केे मौके पर ताली बजाना हम सब की जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ताली बजाने से शरीर के रोगों को भी दूर भगाया जा सकता है। उज्जैन के अरुण ऋषि स्वर्गीय (क्योंकि ये धरती को ही स्वर्ग मानते हैं) पिछले कई वर्षों से अलग-अलग शहरों में शिविरों के माध्यम से लोगों को इसके लिए जागरूक कर रहे हैं। उनका मानना है कि दिन में सिर्फ 15 सेकंड ताली बजाने व तलवों को नियमित रूप से पत्थर से रगड़ने से व्यक्ति खुद को रोगमुक्त रख सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

ऐसे दूर होती हैं बीमारियां -
व्यक्ति की हथेलियों व तलवों में शरीर के सभी अंगों के बिंदु होते हैं, जिन्हेंं दबाकर कई तरह के रोगों को दूर किया जा सकता है। जब हम ताली बजाते हैं तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इसके अलावा अंगूठे के नीचे का स्थान दबने से रक्त की थैलियां खून को विपरीत दिशा में संचारित करती हैं जिससे धमनियों में किसी भी प्रकार की रुकावट दूर होती हैै। हृदय संबंधी परेशानियों में लाभ मिलता है। इससे पूरे शरीर में कंपन होता है व वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है। इसी तरह पैर के तलवों को पत्थर से थोड़ी देर रगड़ने पर एक्यूप्रेशर पॉइंट्स में दबाव बनता है जो कई रोगों से मुक्ति दिलाता है। इस उपचार में किसी प्रकार का कोई खर्च भी नहीं होता।

ऐसे बजाएं ताली -
सीधे हाथ की पहली अंगुली यानी तर्जनी को दूसरे हाथ की हथेली पर चार बार जोर-जोर से चोट करें। उसके बाद तर्जनी व मध्यमा दोनों को साथ में लेकर चार बार ऐसा करें। इसी प्रकार तीन अंगुलियों को साथ में लेकर फिर चारों अंगुलियों को मिलाकर ऐसा करें, अंत में दोनों हाथों से ताली बजाएं। इस दौरान आंखों को बंद रखें। ताली बजाने के बाद दोनों हाथ गर्म व ऊर्जावान हो जाते हैं। ऐसे में ताली बजाने के बाद गहरी सांस भरते हुए मध्यमा अंगुली से आंखों को छूते हुए हाथ धीरे-धीरे नीचे की ओर ले जाएं। ऐसा करने से आंखों व चेहरे पर चमक बढ़ती है।

इसलिए 15 सेकंड जरूरी -
15 सेकंड की ताली की ऊर्जा रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत कर देती है जिससे शरीर को तमाम रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।
जानवरों से मिली प्रेरणा अरुण को ताली को उपचार के लिए प्रयोग करने की प्रेरणा जानवरों से मिली। जानवरों के पैरों के पॉइंट्स कंकड़ और पत्थरों से दबते रहते हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वाभाविक रूप से बढ़ती है।

ध्यान रहे -
ताली बजाने के भी कुछ नियम होते हैं। हमेशा आसन पर खड़े होकर या पैरों में जूते पहनकर ही ताली बजाएं। जमीन पर नंगे पैर ऐसा करने से शरीर में उत्पन्न ऊर्जा जमीन में समाकर नष्ट हो जाती है। कई बार ताली बजाने से हाथों के फटने की समस्या होने लगती है इससे बचने के लिए हाथों में सरसों, नारियल या कोई अन्य तेल लगा सकते हैं।