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अगर कंधे के जोड़ों में होता है दर्द तो ये हैं कारण

locationजयपुरPublished: Jun 15, 2019 01:30:57 pm

‘रोटेटर कफ’ कंधों के जॉइंट्स को हाथ से जोड़ने वाली चार मांसपेशियों (सुपरास्पिनेटस, इंफ्रास्पिनेटस, टेरेस माइनर और सब्सकैपुलरिस) के क्षतिग्रस्त होने पर होती है।

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‘रोटेटर कफ’ कंधों के जॉइंट्स को हाथ से जोड़ने वाली चार मांसपेशियों (सुपरास्पिनेटस, इंफ्रास्पिनेटस, टेरेस माइनर और सब्सकैपुलरिस) के क्षतिग्रस्त होने पर होती है।

कंधे से जुड़ी रोटेटर कफ की परेशानी ज्यादातर टेनिस, फुटबॉल प्लेयर, स्वीमर और पहलवानों को हो सकती है। गंभीर डायबिटीज के मरीजों में भी इसके मामले देखे जाते हैं। ‘रोटेटर कफ’ कंधों के जॉइंट्स को हाथ से जोड़ने वाली चार मांसपेशियों (सुपरास्पिनेटस, इंफ्रास्पिनेटस, टेरेस माइनर और सब्सकैपुलरिस) के क्षतिग्रस्त होने पर होती है। जानें कारण व इलाज-

कारण –
खेल के दौरान गोल करते हुए जोड़ों में खिंचाव, कंधे के बल गिरना, हाथ का गलत दिशा में मुड़ना, अधिक वजन उठाते समय कंधे पर दबाव मुख्य कारण हैं। इस दौरान अचानक खिंचाव से कंधे की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे व्यवसाय जिनमें कंधे के जोड़ों का अधिक प्रयोग हो जैसे पेंटर को भी यह समस्या होती है। डायबिटिज के मरीजों में अक्सर मांसपेशियों में सूजन या दर्द की समस्या रहती है। जिससे इनकी मसल्स में हल्का खिंचाव भी परेशानी को बढ़ाता है।

लक्षण : हाथ को ऊपर या पीछे लाने पर तेज दर्द, सूजन, सोते समय करवट लेने पर दर्द मुख्य लक्षण हैं। दिनचर्या से जुड़े काम जिसमें कंधे के जोड़ों का मूवमेंट जरूरी है, करते समय दर्द होना।

इलाज : पेन मैनेजमेंट –
दर्द व सूजन कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं या स्टेरॉयड इंजेक्शन देते हैं। यदि प्लेयर के पास इलाज के लिए 30 दिन से कम का समय है तो स्टेरॉयड इंजेक्शन के बजाय पेनकिलर देते हैं। ऐसे में इस इंजेक्शन से खिलाड़ी का डोपिंग टैस्ट पॉजिटिव आ सकता है।

सर्जरी : एंथ्रोस्कोपी –
कंधे के जोड़ों में पांच माह से लगातार दर्द हो तो क्षतिग्रस्त मसल्स व दर्द की स्थिति के अनुसार एंथ्रोस्कोपी करते हैं। जिसमें मसल्स के प्रभावित हिस्से को रिपेयर करते हैं। इसके बाद करीब 20-22 दिन मरीज को देखरेख में रखकर कुछ व्यायाम कराते हैं व दवाएं देते हैं।

सावधानी : कंधे से व्यायाम करते रहें –
खिलाड़ी या कंधे के जोड़ों का अधिक प्रयोग करने वाले लगातार काम न करें। कोशिश करें कि हर दो घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लें। कंधे से जुड़े व्यायाम रेगुलर करें। स्टे्रचिंग एक्सरसाइज इस इंजरी में फायदेमंद है। अचानक दर्द होने पर कपड़े में बर्फ रखकर प्रभावित हिस्से की 10-15 मिनट तक सिंकाई करें।

टैस्ट : ज्यादातर मामलों का फिजिकल चेकअप कर लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं। इसके अलावा मस्क्युलर स्केलेटल अल्ट्रासाउंड और एमआरआई से क्षतिग्रस्त मांसपेशी का पता लगाते हैं।

एक्सरसाइज : दर्द कम होने के बाद मसल्स स्ट्रेचिंग व स्टे्ंरथनिंग एक्सरसाइज कराते हैं। इंजरी से जो मांसपेशी जुड़ी हैं उसके अनुसार व्यायाम कराते हैं। इससे क्षतिग्रस्त मांसपेशी रिपेयर होती है।

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