scriptएसिडिटी दूर करने के लिए गर्भावस्था में एेसा रखें अपना खानपान | know about your food in pregnancy to remove acidity | Patrika News
रोग और उपचार

एसिडिटी दूर करने के लिए गर्भावस्था में एेसा रखें अपना खानपान

हार्मोन्स के ज्यादा बनने से भोजन नली व पेट के बीच स्थित गेस्ट्रिक स्प्रिंचर की मांसपेशी कमजोर होने से एसिड ऊपर की तरफ आता है

जयपुरJul 18, 2019 / 06:05 pm

युवराज सिंह

pregnancy care

एसिडिटी दूर करने के लिए गर्भावस्था में एेसा रखें अपना खानपान

आमतौर पर होने वाली एसिड की परेशानी अपच या गलत खानपान के कारण होती है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान एसिड की दिक्कत हार्मोन्स के अधिक स्रावित होने या शारीरिक बदलाव के कारण होती है। मसालेदार और तला-भुना खाने से भी दूसरी तिमाही में अक्सर ऐसा होता है। जानें इस बारे में-
ये होती हैं परेशानियां
हार्मोन्स के ज्यादा बनने से भोजन नली व पेट के बीच स्थित गेस्ट्रिक स्प्रिंचर की मांसपेशी कमजोर होने से एसिड ऊपर की तरफ आता है जिससे सीने के ऊपरी भाग में जलन बढ़ जाती है। आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही में हार्मोन्स के बढ़ने व तीसरी में शिशु का विकास होने से गर्भाशय का आकार बढ़ता है। ऐसे में पेट पर पड़ने वाले दबाव से एसिड भोजन नली में आ जाता है। वहीं दूसरी तिमाही में एसिड रिफ्लक्स गलत खानपान के कारण होता है।
इन बातों का ध्यान रखें
– खाली पेट न रहें। ओवरईटिंग न करें।
– एसिड बनाने वाली गरिष्ठ व अन्य चीजों जैसे तला-भुना, मसालेदार, चाय व कॉफी आदि न लें।
– थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें ताकि खाली पेट बनने वाला एसिड दिक्कत न बने।
– लिक्विड डाइट लें। खाना चबाचबाकर खाएं।
– रात में 8 घंटे नींद व दोपहर में 2 घंटे आराम करें। ध्यान रहे भोजन करने के तुरंत बाद न सोएं।
ये है इलाज
– प्रेग्नेंसी में दी जाने वाली दवाओं के साथ एसिड दूर करने वाली दवा देते हैं। ये एसिड बनने की क्रिया को धीमा करती है। पहले से यदि अधिक एसिड बना है तो उसे हटाकर ठंडा करती है।
– मिल्क थैरेपी के तहत महिला को ठंडा दूध पीने या दही खाने की सलाह देते हैं ताकि भोजननली व पेट के पास जलन कम हो सके।

Home / Health / Disease and Conditions / एसिडिटी दूर करने के लिए गर्भावस्था में एेसा रखें अपना खानपान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो