6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Causes and treatment of panic attack : डर, घबराहट और बेचैनी से शुरू होता पैनिक अटैक, जानें क्या होता है पैनिक अटैक

Known causes treatment of panic attack : शरीर के किसी अंग या हिस्से में उठने वाला अचानक दर्द पैनिक अटैक कहलाता है। यह रोग कई बार मानसिक बीमारियों के साथ होता है। इसमें मरीज के अंदर एक प्रकार का डर बैठ जाता है जिसके कारण रोगी की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं और वह परेशान हो जाता है।

2 min read
Google source verification
causes-treatment-of-panic-a.jpg

Known causes treatment of panic attack

Known causes treatment of panic attack : शरीर के किसी अंग या हिस्से में उठने वाला अचानक दर्द पैनिक अटैक कहलाता है। यह रोग कई बार मानसिक बीमारियों के साथ होता है। इसमें मरीज के अंदर एक प्रकार का डर बैठ जाता है जिसके कारण रोगी की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं और वह परेशान हो जाता है।

न लक्षणों से पहचानें -
घबराहट के साथ दिल का तेजी से धड़कना, जल्दी-जल्दी सांसें चलना, घुटन महसूस होना, कंपकपी और पसीना आना, सीने में दर्द, बेचैनी, जी मिचलाना और पेट में दर्द, चक्कर आना, नियंत्रण खोने और मृत्यु का डर होना आदि लक्षण हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि 'पैनिक अटैक' के मरीजों को दिल का दौरा या ब्रेन स्ट्रोक की आशंका अधिक रहती है।

यह भी पढ़े-क्या आप जानते हैं दवा लेने का सही तरीका, नहीं तो जानिए

कारण -
तनाव, हृदय रोग, अस्थमा, सांस संबंधी बीमारी, हार्मोन में गड़बड़ी और कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट भी है कारण।

किसे अधिक खतरा -
तनावग्रस्त लोगों में इस बीमारी के होने की आशंका अधिक रहती है। तलाक, नौकरी छूटने या किसी नजदीकी की मृत्यु होने पर भी यह हो सकता है। लंबे समय से गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीज और युवाओं में ब्रेकअप के बाद इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। किसी मानसिक आघात से गुजरे लोगों में इसकी आशंका रहती है।

यह भी पढ़े-कान बहने की होती हैं कई वजह, जानें इनके बारे में

कैसे करें बचाव -
अटैक होने पर मरीज को शांत रखें। पीड़ित की समस्या सुनकर समझने का प्रयास करें। मरीज को टहलने या स्टे्रचिंग के लिए कहें। मरीज को नाक से लंबी सांस लेने और मुंह से छोड़ने के लए कहें। भीड़-भाड़ वाली जगह जाने से बचें। खुद पर तनाव को हावी न होने दें। जब भी कोई समस्या हो तो एक गिलास ठंडा पानी पीएं और फिर सोचें। ऐसा क्यों हुआ, उसका कारण खोजें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।