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जानलेवा भी हो सकते हैं लाइफस्टाइल डिजीज, न करें लापरवाही

locationजयपुरPublished: Jul 10, 2019 03:11:30 pm

सीने व सिर में दर्द, चक्कर आना, कुछ मरीज शुरुआत में नकसीर और धुंधली दिखने की शिकायत भी करते हैं

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जानलेवा भी हो सकते हैं लाइफस्टाइल डिजीज, न करें लापरवाही

दुनियाभर में लाइफस्टाइल से जुड़े रोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। समय रहते रोगों के लक्षणों को पहचान लें तो बीमारी पर काबू पा सकते हैं। इससे न केवल बीमारियों को बढ़ने से रोक सकते हैं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य पा सकते हैं।आइए जानते हैं इस बारे में :-
उच्च रक्तचाप
हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण अस्पष्ट होते हैं जिनका लंबे समय तक पता नहीं चल पाता। इसीलिए ज्यादातर विशेषज्ञ मरीजों का सबसे पहले रक्तचाप जांचते हैं। ब्लड प्रेशर के बारे में पता करने का सबसे अच्छा तरीका नियमित रूप से इसकी जांच करवाते रहना है।
खतरे की घंटी
सीने व सिर में दर्द, चक्कर आना, कुछ मरीज शुरुआत में नकसीर और धुंधली दिखने की शिकायत भी करते हैं।

किडनी रोग
किडनी शरीर का अहम अंग है जो शरीर से गंदगी को बाहर निकालती है। इसलिए शुरुआती लक्षणों को पहचानकर किडनी रोगों से बचने के लिए नियमित ब्लड प्रेशर व शुगर की जांच करवाएं। 50 पार हर साल सीरम पीएसए व यूरीन टैस्ट कराएं।
खतरे की घंटी :
टोक्सिन लेवल बढ़ने के कारण सोने में परेशानी होना। पेशाब से जुड़ी समस्याएं होना, बार-बार पेशाब जाना। कमर के नीचे सूजन होना। मांसपेशियों में ऐंठन होना।

लिवर की बीमारी
लिवर में खुद की रिपेयरिंग व पुनर्जीवित करने की क्षमता मौजूद होती है। यह खून साफ कर पोषक तत्त्वों का संग्रहण करता है व हानिकारक पदार्थ दूर करता है।
खतरे की घंटी : पेटदर्द, थकान, वजन घटना, डायरिया, गहरे रंग का यूरीन, मूत्र में खून आना, पीलिया, बेचैनी महसूस होना।

हृदय रोग
दुनियाभर में हृदय रोग बड़ी बीमारियों में से एक है। शुरुआत में इसके लक्षणों की पहचान कर इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। जिन्हें आनुवांशिक कोरोनरी धमनी की बीमारी हो, उन्हें हृदय रोगों से बचने के लिए नियमित जरूरी जांचें कराते रहना चाहिए।
खतरे की घंटी
सीने में दर्द, थकान, सुबह उठने में अक्षमता, हल्के परिश्रम के बाद भी सांस लेने में परेशानी, सूजन, झनझनाहट, कमजोरी, बेचैनी, कमर से ऊपर बिना कारण दर्द होना।

डायबिटीज
रोग के लक्षणों की पहचान व इलाज में जितनी देरी होती है, अन्य रोगों की आशंका उतनी ही ज्यादा रहती है। आनुवांशिक रूप से जो इस रोग के खतरे में आते हैं वे संकेतों को समय पर समझ लें। कुछ मरीजों को मधुमेह पूरी तरह होने के बाद लक्षणों का पता चलता है।
खतरे की घंटी
इस रोग का सबसे पहला लक्षण है बार-बार प्यास लगना या यूरिन जाने की इच्छा, कार्बोहाइड्रेटयुक्त चीजें जैसे बे्रड, आलू, मीठे पेय पदार्थ आदि की इच्छा, वजन घटना और थकान।

अवसाद
अवसाद के मामले में वृद्धि को देखते हुए किसी दिन बुरा महसूस कर रहे हैं या लगातार दीनता का भाव पैदा हो रहा है तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें। रोग का अहम लक्षण सामान्य दिन में भी लगातार खुद से जूझते रहना व किसी काम में रुचि न होना है।
खतरे की घंटी
वजन व नींद में बदलाव, खुद को असहाय, अकेला और थके हुए महसूस करना, शराब की लत, एकाग्र क्षमता में कमी और आत्महत्या जैसा विचार आना।

कैंसर
आधुनिक उपकरणों और नई तकनीकों के चलते कैंसर रोग में ट्यूमर की पहचान सही समय पर कर पहली या दूसरी स्टेज में ही इलाज आसान हो गया है। ज्यादातर मामलों में फेफड़ों के कैंसर का कोई लक्षण सामने नहीं आता। लेकिन बदलाव पर ध्यान रखें।
खतरे की घंटी
वजन में बदलाव, त्वचा के रंग में फर्क, असामान्य रक्तस्त्राव, धीरे-धीरे या न भरने वाले घाव उभरना, लंबे समय तक खांसी, गला बैठना, सांस की तकलीफ आदि।

स्ट्रोक
तापमान के कम होने से कई बार सामान्य रक्तसंचार प्रभावित होता है। जिससे धमनियों में रक्त के प्रवाह की गति धीमी होने से स्ट्रोक की स्थिति बनती है।
खतरे की घंटी
दिमागी संतुलन खोने और सुन्न होने की भावना पैदा होना। बोलने में परेशानी होना, चीजें देखने में दिक्कतें आना। एक हाथ सुन्न होना या दर्द महसूस करना।

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