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चमगादड़ की एक और प्रजाति में मिला कोरोना वायरस

कोरोना वायरस (Corona Virus) का एक वेरिएंट (variant) हॉर्सहोए चमगादड़ (Horseshoe Bat) में भी पाया गया है, हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि यह इतना विकसित नहीं हुआ है कि इंसानों में फैल सके।

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (coronavirus) की उत्पत्ति के बारे में शोधकर्ता अभी तक किसी भी विशेष निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। कुछ शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ या पैंगोलिन से हुई है। लेकिन हाल ही में ब्रिटेन के एक शोधकर्ताओं ने अब ब्रिटिश हॉर्सहोए (चमगादड़ों की एक प्रजाति) चमगादड़ में कोरोना वायरस से संबंधित एक वायरस पाया है। नए वायरस का नाम 'RhGB01' रखा गया है।

यह खोज ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय, जेडएसएल (लंदन की जूलॉजिकल सोसायटी) और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के एक नए सहयोगी शोध का परिणाम है। उनके अनुसार, यह पहली बार है कि होर्सहोए की प्रजाति में सेरबाकोवायर्स (SARS-संबंधित कोरोना वायरस) पाया गया है और सबसे पहले यूके में खोजा गया है। उनके अनुसार ये चमगादड़ बहुत लंबे समय से वायरस को पनाह दे रहे थे लेकिन टेस्ट अभी किया गया है।

हालांकि, उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि चमगादड़ की इस प्रजाति ने यह कोरोना वायरस इंसानों में प्रेषित किया है या नहीं। इस वायरस से मनुष्यों को सीधा खतरा होने की संभावना तब तक कम है जब तक कि यह उत्परिवर्तित (Mutate) न हो जाए।

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यूईए के स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज के जूनोटिक रोगों की विशेषज्ञ प्रो. डायना बेल ने कहा कि चमगादड़ की यह प्रजाति पूरे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही वुहान लैब लीक सिद्धांत को खारिज कर चुका है। चीन अपने कुख्यात वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से SARS-CoV2 के कथित रिसाव पर जांच का सामना कर रहा है। इस बीच, चीन में लोग यह पता लगाने के लिए दुनिया भर की अन्य प्रयोगशालाओं में जांच की मांग कर रहे हैं कि क्या उनसे वायरस लीक हुआ था।

बता दें कि चीन पर बार-बार सवाल उठे हैं कि उन्होंने जानबूझकर इस वायरस को बनाया है और इसके पीछे चीन का दुनिया मे अशांति पैदा करने का मंसूबा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में नेटिज़न्स ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें फोर्ट डेट्रिक, मैरीलैंड में यूएस आर्मी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज (USAMRIID) को बंद करने की जांच की मांग की गई है।

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गौरतलब है कि कोरोना वायरस लगातार चुनौती के रूप में उभरकर सामने आ रहा है और इससे लाखों लोगों की जान जा चुकी है।