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symptoms of hepatitis:जानें किस कारण से होता है हेपेटाइटिस , किस अंग के लिए है सबसे घातक,क्या है इसके लक्षण और सावधानियां

reason and causes of hepatitis and its symptoms and precautions:हेपेटाइटिस (Hepatitis) लिवर से सम्बंधित एक बीमारी है। जो की वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है लिवर की इस बिमारी में लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis) से लेकर लिवर कैंसर (liver cancer ) तक का खतरा होता है ।    

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reason and causes of hepatitis and its symptoms and precautions

जानें किस कारण से होता है हेपेटाइटिस , किस अंग के लिए है सबसे घातक और क्या है इसके लक्षण और सावधानियां

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इस अंग के लिए होता सबसे घातक :
हेपेटाइटिस (Hepatitis) लिवर से सम्बंधित एक बीमारी है. जो की वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है लिवर की इस बिमारी में लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis) से लेकर लिवर कैंसर (liver cancer ) तक का खतरा होता है।

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कितने प्रकार के होते हैं हेपेटाइटिस :
हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार का होता हैं - ए, बी, सी, डी और ई । सबसे खतरनाक हेपेटाइटिस बी को मन जाता है । लाखों लोग हर साल इसकी वजह से अपनी जान गवा देते है ।

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जानिए क्या हैं हेपेटाइटिस के लक्षण :
एक्यूट हेपेटाइटिस (acute hepatitis) ज्यादातर यह इन्फेक्शन होने के बबाद लगभग 12 हफ्ते बाद होने वाले पीलिया (Jaundice) से शुरू होता है । पीलिया के लक्षणों के अलावा इसमें पेट दर्द होना,उल्टी होना, बुखार , जॉइंट्स पेन व मसल्स पैन होना बहुत ही आम बात है । क्रोनिक हेपेटाइटिस में भूख न लगना, थकावट मेहसूस होना, उल्टी होना , लिवर स्थित जगह पर दर्द होना , जॉइंट पेन लेकिन सभी में यह सरे लक्षण दिखें यह जरुरी नहीं है ।

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हेपेटाइटिस से कैसे बचें?
-इंजेक्शन लगवाते वक्त ध्यान रखे हमेशा स्टेराइल इंजेक्शंस ही लगवाए (sterile injections)
- घर पर खुद से ही रेजर और ब्लेड का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है
- टैटू बनवाते समय यह विशेष रूप से ध्यान रखें की टैटू बनवाने वाली नीडल किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के लिए इस्तेमाल न की गई हो
- छोटे बच्चों के 5 साल की उम्र तक हेपेटाइटिस बी का टीका लगवा देना चाहिए

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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।