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पीसीओडी के लिए प्रभावी हैं ये होम्योपैथी दवाएं

पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज में महिलाओं के गर्भाशय में तरल पदार्थ युक्त गांठें हो जाती हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Jan 04, 2019

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पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज में महिलाओं के गर्भाशय में तरल पदार्थ युक्त गांठें हो जाती हैं।

पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज में महिलाओं के गर्भाशय में तरल पदार्थ युक्त गांठें हो जाती हैं। इन गांठों की संख्या कुछ महिलाओं में कम तो कुछ में बहुत अधिक हो सकती है। ये गांठें शरीर में हार्मोंस को असंतुलित कर देती हैं। इससे महिलाओं में पुरुष हार्मोंस अधिक बनने लगते हैं और शरीर में अंडा (ओवम) बनने की प्रक्रिया बाधित होने लगती है।

पीसीओडी के लक्षण -

पीसीओडी के प्रमुख लक्षणों में चेहरे व शरीर पर बालों की अधिकता, वजन बढऩा, माहवारी में अधिक दर्द होना, माहवारी का अनियमित होना, मां न बन पाना, डिप्रेशन, कील-मुंहासों का ठीक न होना आदि हैं। इस समस्या से पीडि़त महिलाओं में डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है क्योंकि इसमें शरीर इंसुलिन का प्रयोग करना कम कर देता है।

परहेज व उपचार -
वजन नियंत्रित रखें व नियमित एक्सरसाइज करें।
संतुलित भोजन लें। अच्छी मात्रा में फल व सब्जियां, साबुत अनाज व कम वसा युक्त दुग्ध उत्पाद लें।
फास्ट फूड व अधिक कैलोरी वाले भोजन से बचें।

होम्यौपेथी चिकित्सा : पीसीओडी के इलाज के लिए बैलाडोना, केल्केरिया, कार्ब, थुजा, सिपिया, सिमिसीफूगा, प्लेटीना, पल्सेटीला आदि दी जाती हैं।