भोजन की मात्रा पर ध्यान दें Focus on the quantity of food
मोटापे से रक्तचाप बढ़ता है और फिर दिल की अनेक बीमारियां होने का सदैव अंदेशा रहता है। इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरत भर ही खाना खाएं। मैदा इत्यादि का सेवन कम करें। सब्जियां और फलों की मात्रा बढ़ाएं। घर के बाहर खाने में अक्सर मात्रा का अंदाजा नहीं लग पाता है।
घर पर खाने को हमेशा प्राथमिकता दें Always give priority food of home
घर पर भोजन करना अधिक पौष्टिक होता हैं, क्योंकि आप स्वयं सब्जी, मसाले, चिकनाई एवं पकाने की विधि का चयन करते हैं। आप खाने को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें विभिन्न प्रकार के मसाले डाल सकते हैं और नमक एवं चीनी जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा कम कर सकते हैं। घर के खाने में परिवार के सभी सदस्यों से सलाह एवं सहायता लेकर एक पारिवारिक गतिविधि का रूप दे सकते हैं। यह खाना सस्ता भी पड़ता है। सब्जियों को अधिक तलकर या भून कर ना बनाएं। इन विधियों में तल की खपत अधिक हाती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। उबालकर या कम तेल में खाना बनाने की चेष्टा करें और जहां तक हो सके, हमेशा ताजा खाना खाएं।
अधिक फाइबर वाला खाना खाएं Eat more fiber
साबूत दालें-अनाज, सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर आदि में ना घुलने वाला फाइबर होता है। दलिया, सेम, लोभिया, सूखे मेवे और फल जैसे सेब, नींबू, नाशपाती, अनानास आदि में घुलनशील फाइबर होते हैं। फाइबर युक्त भोजन अधिक समय तक पेट में रहता है, जिसके कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है और खाना भी कम खाया जाता है। इसी कारण वजन भी कम होता है। फाइबर युक्त भोजन पाचन के समय शरीर से बसा निकाल देता है, जिसके कारण कॉलेस्ट्रॉल कम होता है व हृदय अधिक तंदुरुस्त होता है। फाइबर युक्त भोजन से अधिक ऊर्जा मिलती है, जिसके कारण व्यायाम में थकान कम होती है। फाइबर युक्त भोजन से शरीर व हृदय दोनों सशक्त होते हैं।
खाने में ज्यादा नमक और पहले से तैयार भोजन का सेवन कम से कम करें Minimize the intake of more salt and pre-prepared food
भोजन में अधिक नमक की मात्रा होने से रक्तचाप बढ़ जाता है। इस कारण हृदय में कई बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है। जहां तक हो सके, ताजा खाना खाने की चेष्टा करें, क्योंकि पहले से निर्मित किए भोजन में कई हानिकारक पदार्थ होते हैं। ये भोजन का स्वाद ठीक बनाए रखने के लिए डाले जाते हैं। खाने को अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले, हरा धनिया, पुदीना आदि डालिए। इस तरह नमक की मात्रा भी कम हो जाएगी।
नुकसानदेह चिकनाई यानी वसा की जगह फायदेमंद चिकनाई खाएं Eat lenient greens instead of fat lactation
तेल, दूध एवं दूध से बनी वस्तुएं और लाल मांस में नुकसानदेह चिकनाई होती है, जो आपका बुरा कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाकर आपके हृदय को अस्वस्थ करती है, लेकिन मछली, अंडा, झिल्ली उतारा हुआ मुर्गा, दालें, टोफू, किनुआ इत्यादि से पोष्टिक प्रोटीन एवं फायदेमंद चिकनाई दोनों मिलती है। बाजार में मिलने वाले अधिकतर खाने की वस्तुओं में अच्छा पौष्टिक तेल नहीं होता। इस कारण इनका उपभोग कम से कम करना चाहिए। चीनी एवं मैदे का उपयोग कम से कम करना चाहिए और भोजन में पौष्टिक तत्व जैसे सूखे मेवे, हरी सब्जियां इत्यादि का उपयोग बढ़ा देना चाहिए।