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राजस्थान की 11 नदियों को जोड़ा जाएगा, पूरा राजस्थान हो सकेगा हरा-भरा; केंद्र सरकार 70 हजार करोड़ देगी

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि नदियों को जोड़कर सूखे क्षेत्रों को हरा-भरा किया जाए। उसी दिशा में काम करते हुए 11 नदियों को जोड़कर राजस्थान को हरा-भरा बनाएंगे।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/डूंगरपुर/सागवाड़ा। राजस्थान की 11 नदियों को जोड़ा जाएगा। इससे पूरा राजस्थान हरा-भरा हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र सरकार से 70 हजार करोड़ मिलेंगे। यह बात केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जल संचय एवं संवर्धन को लेकर खड़गदा के गोवर्धन विद्या विहार खेल मैदान में चल रही रामकथा के दौरान कही। सीएम भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे।

पाटिल ने कहा कि पीएम मोदी ने जल संचय में जन भागीदारी की बात कही थी, जिसे खड़गदा के ग्रामीणों ने साकार कर दिखाया है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि नदियों को जोड़कर सूखे क्षेत्रों को हरा-भरा किया जाए। उसी दिशा में काम करते हुए 11 नदियों को जोड़कर राजस्थान को हरा-भरा बनाएंगे। इसके लिए राजस्थान को केंद्र सरकार बजट देगी। लोगों को रोजगार मिलेगा और पलायन को रोका जा सकेगा। पाटिल ने मोरन नदी के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाकर भेजने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खड़गदा की मोरन नदी इस क्षेत्र की जीवन रेखा है। जनसहयोग से इसका पुनरुद्धार करके गांव वालों ने राज्य के समक्ष उदाहरण पेश किया है। जिसे राज्य के प्रत्येक गांव को अपनाना चाहिए। गौरतलब है कि मोरन नदी पर राम कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री की पहल पर ग्रामीणों के समन्वित प्रयासों से करीब ढाई करोड़ के कार्य किए गए हैं। नदी पर अहमदाबाद की तर्ज पर रिवर फ्रंट बनाने को लेकर प्रयास किये जा रहे है। इस मोरन नदी पर 8 वर्ष पूर्व कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने पत्रिका के अमृतं जलं अभियान के तहत श्रमदान किया था।

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राइजिंग राजस्थान का मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिले में 44 करोड़ की लागत से शिल्पग्राम का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के तहत राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं, वहीं डूंगरपुर जिले के लिए 1500 करोड़ के एमओयू किए गए। उन्होंने कहा कि बेणेश्वर धाम एवं मानगढ़ धाम को जोड़कर विकास कराया जाएगा।