
डूंगरपुर। शहरी क्षेत्र में बरसों से किराये और झुग्गी-झौपड़ी में रहने वाले मध्यम एवं निर्धनतम तबके के परिवारों के लिए वर्ष 2015 में आई जन आवास योजना सबसे बड़ा सपना लेकर आई थी। पर, किसे पता था कि यह सपना हकीकत में बदलते-बदलते सालों गुजार देगी। करीब नौ वर्ष से अपने आवास की आस लगाए बैठे सैकड़ों परिवार को नगर परिषद ने एक बार फिर आस बंधाई है। सभापति अमृत कलासुआ ने आवास योजना के आवंटियों की शनिवार को नगर परिषद सभागार में बैठक ली तथा उन्हें हर हाल में दिवाली के पहले आवास की चाबियां सौंपने का दावा किया। हालांकि, इस दौरान आवंटियों ने आवासों के मौजूदा हालातों तथा आ रही अड़चनों को लेकर आपत्ति भी जताई।
डूंगरपुर नगर परिषद के माध्यम से वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री जन आवास योजना लांच की गई। योजना के तहत मध्यम एवं निर्धनतम तबके के परिवारों को रियायती दर पर फ्लैट्स देना तय किया। इसमें भारत सरकार से सब्सिडी के भी प्रावधान किए। इस पर तत्कालीन समय में आवास की आस में हजारों परिवारों ने आवेदन किए। योजना में दो केटेगरी एलआईजी एवं ईडब्ल्यूएस के 360 फ्लैट्स बनाना तय करते हुए वर्ष 2017 में लॉटरी निकाली गई तथा आवंटियों को आवास की शर्तों के अनुसार राशि जमा करवाई गई। लेकिन, इसके बाद से ही यह आवास बीरबल की खिचड़ी की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। आवास के लाभार्थी नौ वर्ष से आवास का इंतजार कर रहे हैं।
सभापति कलासुआ ने आवंटियों की बैठक लेते हुए कहा कि वसुंधरा विहार में बने 360 आवास में छोटा-मोटा कार्य शेष है। वह दिवाली से पूर्व ठेकेदार से करवा लिया जाएगा। नगरपरिषद् परिसर में जल्द ही शिविर लगाया जाएगा। इसमें लाइट कनेक्शन की फाइल तैयार करवाई जाएगी। इससे लोग वहां जाएंगे और रहे तो शेष व्यवस्थाएं भी धीरे-धीरे पूर्ण करवा ली जाएगी। आवंटियों को तय तिथि के दिन शिविर में उपस्थित होने के निर्देश दिए।
बैठक दौरान आवास के आवंटियों ने बताया कि कई आवास अब भी अपूर्ण हैं तथा उनमें लॉक लगे हुए हैं। फर्श टूटे हुए हैं तथा प्लास्तर भी नहीं हुआ है। उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर तय राशि जमा कराई है। कई बार परिषद कार्यालय आए। पर, कोई सफलता नहीं मिली। अब जल्द ही घर मिलने चाहिए।
Updated on:
21 Sept 2024 05:08 pm
Published on:
21 Sept 2024 05:06 pm
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