9 December 2025,

Tuesday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मरने के बाद भी लोगों के काम आया डूंगरपुर का भावेश, अहमदाबाद की टीम ने किया सेल्यूट

खुद के लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मरने के बाद दूसरों को जीवन दे जाते हैं। जिले के पुनाली गांव के भावेश जोशी की कहानी भी ऐसी ही है।

less than 1 minute read
Google source verification
organ_donate.jpg

अहमदाबाद के सिविल हॉस्पीटल की देह को सेल्यूट करती चिकित्सालय की टीम

डूंगरपुर. खुद के लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मरने के बाद दूसरों को जीवन दे जाते हैं। जिले के पुनाली गांव के भावेश जोशी की कहानी भी ऐसी ही है। खुशीराम जोशी और मां सीतादेवी का बड़ा पुत्र भावेश (28) अहमदाबाद के एक मॉल में नौकरी करता था। गत 20 सितम्बर को अचानक भावेश को दिमागी दौरा पड़ा। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि ब्रेन हेमरेज हुआ है। तीन दिन उपचार करने के बाद चिकित्सकों की टीम ने शनिवार को भावेश को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस पर चिकित्सकों ने भावेश के परिजन को अंगदान का महत्व बताया। परिजन ने इसकी तत्काल सहमति दे दी। इसके बाद भावेश के लीवर, हार्ट एवं दो किडनियों को जरूरतमंद मरीजों को दे दिया गया।
यह भी पढ़ें : हॉस्टल में रह रहे 11 साल के बच्चे की वार्डन ने की पिटाई , तो अभिभावकों ने शिक्षिका को पीटा

‘मरने के बाद भी दूसरों के काम आया हमारा पुत्र भावेश’
भावेश के पिता खुशीराम जोशी और मां सीतादेवी जोशी का कहना है कि हम अपने पुत्र को मरने के बाद भी जिंदा देखना चाहते थे, इसलिए हमने अंगदान करने का फैसला किया। हमारा भावेश मरने के बाद भी दूसरों के काम आया। बेटे के जाने का गम माता-पिता और अन्य परिजन को है, पर इस बात की खुशी भी है कि उनका बेटा चार लोगों को जीवन देकर गया है और वह हमेशा दूसरों की धड़कन बनकर धड़कता रहेगा।