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राजस्थान में यहां मनरेगा में बड़ा गड़बड़झाला, ऑपरेटर ने ही जॉब कार्ड बना डाला, गड़बड़ी के प्रमाण देते ये जॉब कार्ड

Rajasthan News : डूंगरपुर जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाली राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में गड़बड़ी की बू आ रही हैं। कार्य स्थलों पर श्रमिक, बगैर कार्य के फर्जी तरीके से राशि उठाने के मामलों के बीच अब जॉबकार्ड पर सवाल उठने लगे हैं।

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Arbitrariness in MNREGA

वरुण भट्ट/ मिलन शर्मा

Dungarpur News : डूंगरपुर जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाली राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में गड़बड़ी की बू आ रही हैं। कार्य स्थलों पर एवजी श्रमिक, बगैर कार्य के फर्जी तरीके से राशि उठाने के मामलों के बीच अब जॉबकार्ड पर सवाल उठने लगे हैं। मामला पंचायत समिति झौंथरी की ग्राम पंचायत पाड़ली गुजरेश्वर से जुड़ा हुआ हैं। जहां बिना ग्राम पंचायत के सत्यापन के पंचायत समिति स्तर पर ऑपरेटर की ओर से ऑनलाइन जॉब कार्ड जारी कर दिए।

इसकी भनक लगने के बाद अब अंदरखाने में इन जॉब कार्ड को निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। इधर, इस मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी बकायदा लिखित में जिला कलक्टर को जानकारी देकर कार्मिक के खिलाफ सत कार्रवाई का निवेदन किया हैं। उल्लेखनीय है कि जिले की 10 पंचायत समितियों में 353 ग्राम पंचायतें है। जिनमें 6 हजार से अधिक कार्य स्थलों पर जॉब कार्ड के आधार पर ढाई लाख से अधिक श्रमिक नियोजित हैं।

यह तो महज बानगी

पंचायत समिति झौंथरी की ग्राम पंचायत पाड़ली गुजरेश्वर में कई जॉब कार्ड ग्राम पंचायत के सत्यापन के बिना पंचायत समिति के ऑपरेटर स्तर से ही जारी कर दिए गए है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि ग्राम पंचायत के पाड़ली उदारात के जॉब कार्ड संख्या 1755 से 1772, पाड़ली वीरसिंह के जॉब कार्ड नंबर 1758 एवं गडारोदा का 1835 नंबर का जॉब कार्ड सीधे पंचायत समिति से बन गया है, जबकि इनका सत्यापन ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव स्तर से नहीं हुआ है। ऐसे में करीब 20 जॉब कार्ड पर सवाल खड़े हो रहे है। सरपंच का दावा है कि ये जॉबकार्ड ऑनलाइन गुपचुप तरीके से जारी कर दिए हैं, पड़ताल में ऐसे मामले अन्य पंचायतों में भी सामने आ सकते है।

सहजता से जारी होता है जॉब कार्ड

मनरेगा में श्रमिकों के जॉब कार्ड जारी करने की प्रक्रिया सरल है। 18 वर्ष से अधिक की उम्र जरूरी है। ग्राम पंचायत स्तर पर एक रजिस्टर इसके लिए संधारित होता है। जिसमें क्रमवार नंबर जारी होते है। इसके बाद संबंधित श्रमिक की पात्रता-अपात्रता का सत्यापन करने के बाद जॉब कार्ड जारी किए जाते है। इसके लिए बाकायदा राशन कार्ड, विवाह पंजीयन आधार, बैंक डायरी, फोटो आदि दस्तावेज संलग्न करने होते है। उल्लेखनीय है कि मनरेगा में एक परिवार को 100 दिन का रोजगार एवं 266 रुपए दैनिक मजदूरी के प्रावधान हैं।

जांच कराएंगे

जॉब कार्ड ग्राम पंचायत स्तर से ही जारी होते है। पंचायत समिति से यूनिक आईडी ही जनरेट होती है। किसी विशेष परिस्थिति में ग्राम पंचायत में किसी तरह की दिक्कत होने पर विकास अधिकारी स्तर पर जॉब कार्ड बन सकता है। यह कार्य ऑपरेटर के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यदि इसके बावजूद पंचायत समिति के ऑपरेटर स्तर से कोई गड़बड़ी हुई है तो जांच कराएंगे।

- मनोहर विश्नोई, विकास अधिकारी ग्राम पंचायत झौंथरी

नहीं हुआ सत्यापन

जॉब कार्ड ग्राम पंचायत स्तर पर सत्यापन के बाद बनते है। पंचायत समिति के ऑपरेटर ने कुछ ग्रामीणों के अपने स्तर पर सीधे ही जॉब कार्ड जारी कर दिए थे। पंचायत में जानकारी मिलने पर जॉब कार्ड निरस्त कराए गए है।

- देवीलाल रोत, सहायक सचिव ग्राम पंचायत पाडली गुजरेश्वर

इनका कहना है

कप्यूटर में ऑनलाइन जांच में 20 से अधिक जॉब कार्ड फर्जी होने का अंदेशा लगा है। इस पर जिला कलक्टर व विकास अधिकारी को प्रकरण से अवगत कराकर जांच का निवेदन किया है। जांच होने पर हकीकत सामने आ जाएगी।

- लीलाराम गमेती, सरपंच ग्राम पंचायत पाडली गुजरेश्वर