
मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना: नए लिफाफे में पुराना कलेवर
डूंगरपुर.
ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचागत विकास, स्वच्छता, पानी, रोशनी की उपलब्धता के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना लागू की है। यह योजना नए लिफाफे में पुराने कलेवर के समान है, क्योंकि सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग में पूर्व से संचालित चार योजनाओं को बंद करते हुए इसे लागू करने की गाइडलाइन जारी की है। इसमें अमूमन वहीं कार्य होंगे, जो पूर्व संचालित योजनाओं में कवर हो रहे थे। हालांकि इस योजना में 100 करोड़ रुपए वार्षिक बजट प्रावधान रखे गए हैं।
यह है योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा २०२२-२३ के बिन्दू संख्या ८४.०० में प्रदेश में मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना की घोषणा की थी। इसकी पालना में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अर्पणा अरोरा ने मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह योजना पूर्व में संचालित चार योजनाओं महात्मा गांधी आदर्श ग्राम योजना, मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना, श्री योजना तथा स्मार्ट विलेज योजना का स्थान लेगी।
यह है उद्देश्य
योजना का उद्देश्य प्रदेश के दुर्गम, दुरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों सहित पूरे प्रदेश में लागू होगी। इसमें प्रदेश की भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक भिन्नताओं को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक, सामाजिक व आधारभूत ढांचागत विकास एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में संचालित उक्त चार योजनाओं में भी इसी तरह के कार्य शामिल थे।
यूं होगी क्रियान्विति
योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य एवं जिला स्तर पर गठित कमेटी की रहेगी। जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समिति बनेगी। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके समन्वयक होंगे। इसके अलावा योजना से जुड़े विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी इसके सदस्य होंगे। समिति जिले के लिए परियोजनाएं तैयार कर उसके प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कमेटी को भेजेगी। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख शासन सचिव इसके सह-अध्यक्ष होंगे। सभी लाइन डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव अथवा प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव इसके सदस्य होंगे। यह कमेटी जिलों से प्रस्तावों का अध्ययन कर वरीयता व प्राथमिकता के आधार पर अनुशंसा करेगी। इसके बाद वित्त विभाग स्वीकृति जारी करेगा।
१०० करोड़ का बजट
योजना पूर्णतया राज्य वित्त पोषित है। इसके लिए समग्र योजना का वार्षिक बजट प्रावधान 100 करोड़ रुपए रखा गया है। योजना के प्रशासनिक व्यय जैसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर गैप्स चिन्हित करने के लिए सर्वे कार्य, विकाय कार्यों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराना, गुणवत्ता नियंत्रण तथा मानिटङ्क्षरग, थर्ड पार्टी मूल्यांकन, स्टेशनरी, फोटोकॉपी, प्रिङ्क्षटग, इंटरनेट, मैन विद मशीन, मल्टीटास्क वर्कर लगाना, अनुबंधित वाहन आदि के लिए क्रिटिकल गैप फण्ड का 2 प्रतिशत राशि खर्च की जा सकेगी। स्वीकृत कार्य के लिए पहले 50 प्रतिशत राशि आवंटित होगी। कार्य पूर्ण होने पर 40 फीसदी तथा पूर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर शेष 10 प्रतिशत राशि का आवंटन होगा।
यह काम नहीं होंगे
योजना के तहत कुछ कार्य प्रतिबंधित किए गए हैं. .
- निजी अथवा गैर सरकारी संस्थाओं की परिसंपत्तियों का निर्माण नहीं होगा
- अनुदान या ऋण का प्रावधान नहीं
- आपदा प्रबंधन सहायता कार्य नहीं होंगे
- व्यक्तिगत लाभ के कार्य शामिल नहीं होंगे
- कार्यालय भवन या सरकारी आवास निर्माण या वाहन क्रय नहीं किया जा सकेगा
- अंतरिम भवनों का रखरखाव नहीं होगा
इनका कहना. . .
मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना को लेकर विस्तृत गाइडलाइन प्राप्त हो गई है। योजना में दिए दिशा-निर्देशों के अनुरुप विकास कार्यों के प्रस्ताव जिला स्तरीय कमेटी में अनुमोदन कराकर प्रेषित करने के भी निर्देश मिले हैं। इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही जिला कलक्टर के मार्गदर्शन में कमेटी प्रस्ताव तैयार कर राज्य कमेटी को प्रेषित करेगी।
दीपेंद्रङ्क्षसह राठौड़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, डूंगरपुर
Published on:
02 Jul 2022 11:14 am
बड़ी खबरें
View Allडूंगरपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
